दिल्ली दंगों के मामले में उमर खालिद को एक बार फिर नहीं मिली ज़मानत

Update: 2024-05-28 09:45 GMT

दिल्ली की एक अदालत ने जेएनयू स्कॉलर और एक्टिविस्ट उमर खालिद की ज़मानत खारिज कर दी।

एडिशनल सेशन्स जज समीर वाजपेयी ने 13 मई को दोनों पक्षों को सुनने के बाद अपना फ़ैसला सुरक्षित रख लिया था।

उमर खालिद पर आतंकवाद विरोधी कानून गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (UAPA Act) के तहत आरोप लगाए गए हैं। उन पर ये आरोप दिल्ली दंगों के दौरान कथित साजिश रचने के लिए लगाए हैं।

उमर खालिद को इससे पहले कड़कडूमा कोर्ट और दिल्ली हाईकोर्ट ने जमानत देने से इनकार कर दिया था।

हालांकि, फरवरी में उमर खालिद ने सुप्रीम कोर्ट से यह कहते हुए अपनी जमानत याचिका वापस ले ली थी कि वे ट्रायल कोर्ट जाएंगे। यह दूसरी बार है, जब ट्रायल कोर्ट ने उनकी जमानत याचिका खारिज कर दी।

जेएनयू स्टूडेंट और सोशल एक्टिविस्ट उमर खालिद सितंबर 2020 से ही जेल में बंद हैं। उन पर फरवरी 2020 में उत्तर-पूर्व दिल्ली में हुई हिंसा को भड़काने का आरोप लगाया गया। फिलहाल, उनके खिलाफ दो एफआईआर दर्ज हैं।

हालांकि, एक मामले में उमर को अप्रैल 2021 में जमानत मिल गई थी। दूसरे मामले में उनके खिलाफ UAPA Act के तहत आरोप लगाए गए हैं। इस मामले में अब तक दो अदालतें उनकी ज़मानत याचिका खारिज कर चुकी हैं। सुप्रीम कोर्ट में उनकी ज़मानत याचिका अप्रैल 2023 से लंबित है।

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