'यौन इरादे का कोई संकेत नहीं': केरल हाईकोर्ट ने शीलभंग के लिए नाबालिग का हाथ पकड़ने के आरोपी युवक को अग्रिम जमानत दी

Update: 2023-09-02 08:44 GMT

केरल हाईकोर्ट ने शुक्रवार को 21 वर्षीय लड़के को अग्रिम जमानत दे दी। इस लड़के पर 15 वर्षीय लड़की का शीलभंग करने के इरादे से उसका हाथ पकड़ने का आरोप है।

याचिकाकर्ता-अभियुक्त के खिलाफ अभियोजन पक्ष का मामला यह है कि वह मामले के दूसरे आरोपी के साथ बाइक पर आया और उसने नाबालिग लड़की का शीलभंग करने के इरादे से उसका हाथ पकड़ लिया। दोनों लड़कों पर भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 354 और सपठित पॉक्सो एक्ट (POCSO Act) की धारा 7, 8 और धारा 16 के तहत मामला दर्ज किया गया।

जस्टिस कौसर एडप्पागाथ ने कहा कि प्रथम सूचना विवरण से यह पता नहीं चला कि आवेदक द्वारा उक्त कृत्य 'यौन इरादे' से या पीड़िता की गरिमा को ठेस पहुंचाने के इरादे से किया गया।

कोर्ट ने कहा,

“एकमात्र आरोप यह है कि आवेदक बाइक से आया और पीड़िता का हाथ पकड़ लिया। एफआईएस में सुझाव देने के लिए कुछ भी नहीं है कि आवेदक द्वारा उक्त कृत्य यौन इरादे से या पीड़िता की गरिमा को ठेस पहुंचाने के इरादे से किया गया। आवेदक का कोई आपराधिक इतिहास नहीं है। आवेदक पर लगाए गए आरोपों को देखते हुए उससे हिरासत में पूछताछ आवश्यक नहीं लगती। इन कारणों से यह उपयुक्त मामला है, जहां आवेदक को अग्रिम जमानत दी जा सकती है।”

इस प्रकार याचिकाकर्ता को गिरफ्तारी की स्थिति में गिरफ्तार करने वाले अधिकारी/जांच अधिकारी की संतुष्टि के लिए समान राशि के दो सॉल्वेंट ज़मानतदार के साथ 1,00,000/- रुपये का बांड भरने पर जमानत पर रिहा करने का निर्देश दिया गया।

याचिकाकर्ता का प्रतिनिधित्व एडवोकेट एस. निखिल शंकर ने किया। सरकारी वकील नौशाद के.ए. राज्य की ओर से उपस्थित हुए।

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