'इस पर विशेष ध्यान नहीं देना चाहिए कि आरोपी वकील है': बलात्कार मामले में पूर्व सरकारी वकील की अग्रिम जमानत याचिका पर केरल हाईकोर्ट

Update: 2023-12-04 08:19 GMT

केरल हाईकोर्ट ने सोमवार को मौखिक रूप से कहा कि पूर्व सीनियर सरकारी वकील पी.जी. मनु, जो वर्तमान में कानूनी सहायता प्रदान करने की आड़ में महिला ग्राहक के यौन उत्पीड़न के आरोपों का सामना कर रहे हैं, उनको केवल इस आधार पर विशेष ध्यान नहीं दिया जाना चाहिए कि वह एक वकील हैं।

मनु ने कानूनी सलाह के लिए उनसे संपर्क करने वाली पीड़ित महिला के साथ बलात्कार के आरोपों के बाद वरिष्ठ सरकारी वकील के पद से इस्तीफा दे दिया।

जस्टिस गोपीनाथ पी. ने कहा,

"ऐसा नहीं लगना चाहिए कि क्योंकि आरोपी वकील है, इसलिए कुछ विशेष विचार दिए जा रहे हैं... आरोपी की स्थिति कुछ भी हो, वही विचार लागू होने चाहिए।"

अदालत ने मामले में पीड़िता की ओर से एक पक्षकार आवेदन भी स्वीकार कर लिया।

इस मामले में पीड़िता, जो एक ऐसे ही मामले की पीड़िता है, जिसमें किसी अन्य व्यक्ति द्वारा उसका यौन शोषण किया गया था, उसने कथित तौर पर अदालत के समक्ष अपना मामला निपटाने के लिए याचिकाकर्ता से संपर्क किया। याचिकाकर्ता के खिलाफ आरोप है कि उसने निर्देश लेने की आड़ में 'अपवित्र संबंध' स्थापित किया और पीड़िता के साथ उसके घर और अपने कार्यालय में बलात्कार किया।

यह भी आरोप है कि याचिकाकर्ता ने पीड़िता की नग्न तस्वीरें दूसरों को भेजीं।

याचिकाकर्ता ने प्रस्तुत किया कि अभियोजन पक्ष के आरोप झूठे हैं और मामले का रजिस्ट्रेशन स्वयं याचिकाकर्ता की कुछ पेशेवर प्रतिद्वंद्विता की ओर से 'सोचा-समझा प्रयास' है।

याचिकाकर्ता ने तर्क दिया कि उपरोक्त व्यक्तियों ने पीड़िता के साथ मिलीभगत की और उसे याचिकाकर्ता के खिलाफ गलत बयान देने के लिए मजबूर किया।

याचिका में कहा गया,

"इसके अलावा, अपराध दर्ज होने के बाद शिकायतकर्ता और उसके एजेंटों के आचरण से यह स्पष्ट होता है कि उनका एकमात्र इरादा याचिकाकर्ता की छवि खराब करना और उसका करियर खराब करना है, क्योंकि वे याचिकाकर्ता के खिलाफ सोशल मीडिया पर अपमानजनक सामग्री प्रसारित कर रहे हैं।“

इन्हीं आधारों पर याचिकाकर्ता ने अपनी गिरफ्तारी की स्थिति में अग्रिम जमानत के लिए आवेदन दायर किया।

मामले को अगले मंगलवार को अगली सुनवाई के लिए पोस्ट किया गया।

यह याचिका एडवोकेट सी.पी. उदयभानु, नवनीत एन. नाथ, रस्सल जनार्दन ए., अभिषेक एम. कुन्नाथु, बोबन पलाट, पी.यू. प्रथीश कुमार, पी.आर. अजय, और के.यू. स्वप्निल के माध्यम से दायर की गई।

केस टाइटल: पी.जी. मनु बनाम केरल राज्य

केस नंबर: जमानत आवेदन. 10796/2023

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