जजों को रिश्वत देने के आरोप में वकील सैबी जोस किडंगूर के खिलाफ कोई मामला नहीं मिला: पुलिस ने केरल हाईकोर्ट को बताया
केरल हाईकोर्ट को सोमवार को राज्य सरकार द्वारा सूचित किया गया कि वह वकील सैबी जोस किदांगूर के खिलाफ रिश्वतखोरी के आरोपों को हटा देगी।
वकील सैबी पर हाईकोर्ट के जजों को रिश्वत देने के बहाने ग्राहकों से पैसे इकट्ठा करने का आरोप लगाया गया था। वकील ने अपने खिलाफ दर्ज की गई एफआईआर को रद्द करने और आगे की सभी कार्यवाही पर रोक लगाने की मांग करते हुए हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था।
एर्नाकुलम सेंट्रल पुलिस स्टेशन ने भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 की धारा 7(1) और भारतीय दंड संहिता की धारा 420 के तहत अपराध दर्ज करके वकील सैबी के खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी। एफआईआर राज्य पुलिस प्रमुख की मंजूरी से दर्ज की गई थी।
जस्टिस के बाबू की एकल न्यायाधीश पीठ को आज लोक अभियोजक ने सूचित किया कि जांच एजेंसी ने एक रिपोर्ट प्रस्तुत की है जिसमें कहा गया है कि वह वकील किदंगूर के खिलाफ सबूत नहीं मिलने पर आरोप हटा देगी और उनके खिलाफ आगे की कार्रवाई करेगी।
हालांकि, न्यायालय ने जांच रिपोर्ट उसके समक्ष प्रस्तुत करने का निर्देश दिया। अदालत ने कहा, "विद्वान पीपी का कहना है कि जांच एजेंसी ने आगे की कार्रवाई छोड़ दी गई शीर्षक के तहत रिपोर्ट सौंपी है। पीपी अंतिम रिपोर्ट की प्रति पेश करेंगे।"
वकील सैबी ने अपनी याचिका में कहा था कि तीन या चार वकीलों के एक समूह ने रजिस्ट्रार जनरल को झूठी शिकायत दी थी, जिन्होंने बदले में राज्य पुलिस प्रमुख को मामले की जांच करने के लिए सूचित किया था। राज्य पुलिस प्रमुख ने नगर पुलिस आयुक्त को प्रारंभिक जांच करने का निर्देश दिया था। हालांकि, याचिकाकर्ता ने कहा कि याचिकाकर्ता को अपराध में शामिल करने के लिए कोई ठोस सबूत सामने नहीं लाया गया है।
याचिकाकर्ता ने आगे कहा कि उनमें से किसी भी बयान में याचिकाकर्ता के खिलाफ कुछ भी सामने नहीं आया है, जिससे वकीलों द्वारा उसके खिलाफ लगाए गए आरोपों को सही ठहराया जा सके।
वकील सैबी कहते हैं कि इसके बावजूद, मीडियाकर्मियों और उनके प्रति व्यक्तिगत दुश्मनी रखने वाले तीन या चार वकीलों के एक समूह की अनुचित भागीदारी के कारण अपराध दर्ज किया गया था।
मामले को आगे विचार के लिए 20 नवंबर, 2023 (सोमवार) को पोस्ट किया गया है।
केस टाइटल: सैबी जोस किडंगूर बनाम राज्य पुलिस प्रमुख और अन्य।
केस नंबर: WP(Crl.) 110/2023