गरबा आयोजनों पर चर्चा को 'Communal Tilt' देने वाले नविका कुमार द्वारा होस्ट किए गए शो से NBDSA नाराज, 'टाइम्स नाउ नवभारत' को शो की वीडियो हटाने का निर्देश दिया

Update: 2023-11-04 06:03 GMT

न्यूज ब्रॉडकास्टिंग एंड डिजिटल स्टैंडर्ड्स अथॉरिटी (एनबीडीएसए) ने गुरुवार (2 नवंबर) को गरबा आयोजनों पर चर्चा को सांप्रदायिक रंग देने के लिए टाइम्स नवभारत चैनल में एंकर नविका कुमार द्वारा होस्ट किए गए एक शो के खिलाफ आदेश पारित किया।

एनबीडीएसए ने चैनल को आगाह किया और निर्देश दिया कि वह अपनी रिपोर्टों को सांप्रदायिक रंग देने से बचें। सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज जस्टिस एके सीकरी की अध्यक्षता वाले प्राधिकरण ने माना कि ब्रॉडकास्टर ने अपराध, दंगों, अफवाहों और ऐसी संबंधित घटनाओं की रिपोर्टिंग में सांप्रदायिक रंग को रोकने के लिए दिशानिर्देशों और नस्लीय और धार्मिक सद्भाव से संबंधित रिपोर्टिंग को कवर करने वाले विशिष्ट दिशानिर्देशों का उल्लंघन किया।

एनबीडीएसए ने तदनुसार ब्रॉडकास्टर को चैनल की वेबसाइट और यूट्यूब से वीडियो हटाने का निर्देश दिया। यह आदेश दिया गया कि सामग्री को हटाने की पुष्टि 7 दिनों के भीतर एनबीडीएसए से की जानी चाहिए।

यह आदेश टेक एथिक्स प्रोफेशनल इंद्रजीत घोरपड़े द्वारा दायर शिकायत पर पारित किया गया। उन्होंने आरोप लगाया कि शो ने पूरे मुस्लिम समुदाय को लक्षित किया और प्रसारण मानकों का उल्लंघन किया। उसी प्रसारण के संबंध में अन्य शिकायत मतीन मुजावर द्वारा दर्ज की गई थी।

शिकायत 29.9.2022 को टाइम्स नाउ नवभारत पर प्रसारित प्रसारण से संबंधित है, जिसमें गरबा कार्यक्रम में बजरंग दल के सदस्यों द्वारा मुस्लिम व्यक्ति पर शारीरिक हमला किए जाने के बारे में बताया गया था। चैनल ने दावा किया कि यह एपिसोड उन घटनाओं को उजागर करके सार्वजनिक कार्यक्रमों में महिलाओं की सुरक्षा पर केंद्रित था, जहां गरबा कार्यक्रम में शरारती तत्वों द्वारा महिलाओं की अनुचित तस्वीरें ली गईं थीं।

शिकायत में दावा किया गया कि चैनल सांप्रदायिक एजेंडे के साथ समाचार प्रसारित करके नफरत फैला रहा है, जिससे अल्पसंख्यकों को नुकसान हो सकता है और देश के धर्मनिरपेक्ष ताने-बाने को नुकसान पहुंच सकता है।

चैनल ने अपने शो का बचाव करते हुए दावा किया कि ऐसे सार्वजनिक कार्यक्रमों में महिलाओं की सुरक्षा के बारे में केवल वैध सवाल ही उठाए गए। चैनल ने एनबीडीएसए को अपने जवाब में यह भी कहा कि उसका इरादा किसी विशेष समुदाय को निशाना बनाने का नहीं है। चैनल ने दावा किया कि शिकायतों में लगाए गए आरोप 'संदर्भ से बाहर और निराधार' हैं।

हालांकि, एनबीडीएसए ने अपने आदेश में कहा कि शो को महिलाओं की सुरक्षा के मुद्दे तक सीमित रखने के बजाय, ब्रॉडकास्टर ने इसे सांप्रदायिक रंग दे दिया। एनबीडीएसए ने अपने आदेश में पाया कि ब्रॉडकास्टर ने कथित घटनाओं का सामान्यीकरण किया, जिससे यह धारणा बनाकर कार्यक्रम को एक निश्चित झुकाव दिया गया कि केवल निश्चित समुदाय के पुरुष ही बदमाश और/या अपराधी है, जो गरबा उत्सव में दूसरे समुदाय की महिलाओं को नुकसान पहुंचाने/धोखा देने की कोशिश कर रहे थे।”

प्राधिकरण ने कहा,

सांप्रदायिक झुकाव एंकर द्वारा उठाए गए सवालों की प्रकृति और टिकर में इस्तेमाल की गई भाषा से दिखाई देता है।

शिकायतकर्ता इंद्रजीत घोरपड़े का प्रतिनिधित्व एडवोकेट संचिता कदम ने किया।

आदेश पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें




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