नेशनल लीगल सर्विसेज अथॉरिटी (NALSA) 13 दिसंबर 2025 को वर्ष की चौथी राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन करने जा रही है। यह राष्ट्रव्यापी पहल सहमति-आधारित विवाद समाधान को सशक्त बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। भारत के मुख्य न्यायाधीश एवं NALSA के पैट्रन-इन-चीफ़ जस्टिस सूर्यकांत तथा सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश एवं कार्यकारी अध्यक्ष जस्टिस विक्रम नाथ के नेतृत्व में इस कार्यक्रम का उद्देश्य नागरिकों, संस्थानों और न्याय प्रणाली को एक साझा मंच प्रदान करना है, जिससे विवादों का समयबद्ध और सौहार्दपूर्ण समाधान सुनिश्चित हो सके।
यह लोक अदालत देशभर के हाईकोर्ट्स, जिला अदालतों, ट्रिब्यूनल्स, उपभोक्ता फोरमों और परमानेंट लोक अदालतों में एकसाथ आयोजित की जाएगी।
राज्यवार कार्यक्रम
राजस्थान: 19 दिसंबर 2025 (हाई कोर्ट), 21 दिसंबर 2025 (जिला अदालतें, ट्रिब्यूनल, राजस्व न्यायालय)
तेलंगाना: 21 दिसंबर 2025
दिल्ली: 10 जनवरी 2026
NALSA ने बताया कि हाल के वर्षों में लोक अदालतें न सिर्फ मामलों के तेज़ निपटारे का माध्यम बनी हैं, बल्कि आपसी सुलह-सफाई और सामाजिक रिश्तों को बेहतर करने का एक प्रभावी मंच भी उभरी हैं। यह व्यवस्था मुकदमेबाज़ी के खर्च को कम करने, नागरिकों की सक्रिय भागीदारी को बढ़ावा देने और न्याय व्यवस्था के प्रति भरोसा मजबूत करने में उपयोगी सिद्ध हो रही है।
किन मामलों की सुनवाई होगी?
चौथी राष्ट्रीय लोक अदालत में पूर्व-विवाद (pre-litigation) और लंबित मामलों की व्यापक श्रेणी को शामिल किया जाएगा। इनमें आपराधिक संज्ञेय अपराध, प्ली बार्गेनिंग, चेक बाउंस, बैंक रिकवरी, मोटर दुर्घटना दावा, यातायात चालान, श्रम विवाद, उपभोक्ता मामले, सर्विस मैटर, राजस्व मामले, भूमि अधिग्रहण से जुड़े विवाद, वैवाहिक विवाद (तलाक को छोड़कर), पब्लिक यूटिलिटी सेवाओं से जुड़े विवाद, IPR मामलों सहित अन्य सिविल विवाद शामिल हैं।
लोक अदालतों का बढ़ता प्रभाव
लोक अदालतों के बढ़ते प्रभाव को आंकड़ों से समझा जा सकता है:
2024 में, राष्ट्रीय लोक अदालतों के माध्यम से 10.45 करोड़ मामलों का निपटारा किया गया।
2025 में, पहली तीन राष्ट्रीय लोक अदालतें 10.50 करोड़ से अधिक मामले निपटा चुकी हैं।
NALSA के अनुसार, यह बढ़ती संख्या बताती है कि जनता का लोक अदालतों पर भरोसा लगातार मजबूत हो रहा है और लीगल सर्विसेज अथॉरिटीज़ भी अधिक सक्रिय भूमिका निभा रही हैं।
पेंडेंसी कम करने पर विशेष जोर
इस लोक अदालत के माध्यम से नेशनल ज्यूडिशियल डेटा ग्रिड (NJDG) पर दर्ज लंबित मामलों की संख्या घटाने पर विशेष ज़ोर दिया जाएगा। NALSA ने कहा कि उसका लक्ष्य न्याय को अधिक तेज़, सुलभ, सस्ता और समान बनाना है, ताकि कोई भी नागरिक न्याय पाने से वंचित न रहे और विवादों का समाधान सौहार्दपूर्ण तरीके से संभव हो सके।