मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने लेडी जज को जन्मदिन पर आपत्तिजनक संदेश भेजने वाले वकील की 'मानसिक जांच' का निर्देश दिया
मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने शुक्रवार (26 मार्च) को कथित तौर पर लेडी जज को जन्मदिन पर आधिकारिक मेल आईडी पर आपत्तिजनक शुभकामनाएं भेजने वाले एक वकील की मानसिक जांच कराए जाने का निर्देश दिया।
अपनी नियमित जमानत याचिका की सुनवाई के दौरान, न्यायमूर्ति रोहित आर्य की खंडपीठ ने उल्लेख किया कि उनके खिलाफ प्राथमिक आरोप यह है कि उन्होंने व्हाट्सएप के माध्यम से "एक महिला न्यायाधीश को शर्मिंदा करते हुए वट्सएप और सोशल मीडिया पोर्टल पर अपमानजनक और आपत्तिजनक संदेश भेजे।
कोर्ट ने टिप्पणी की,
"यह मामला एक योग्य चिकित्सक या मनोचिकित्सक के माध्यम से आरोपी अधिवक्ता की मानसिक जांच कराने के लिए निर्देशित किया जाता हैं और इस न्यायालय के समक्ष रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए जाते हैं।"
अदालत ने कहा,
"अदालत में मौजूद अतिरिक्त महाधिवक्ता को निर्देश दिया जाता है कि यदि आवश्यक हो तो पुलिस अधीक्षक और अन्य प्राधिकारियों के माध्यम से पूर्वोक्त दिशा-निर्देश अनुपालन सुनिश्चित करें।"
संक्षेप में मामला
यह ध्यान दिया जा सकता है कि जमानत आवेदक एक वकील है, जिसके खिलाफ आरोप है कि उन्होंने लेडी जज के जन्मदिन के अवसर पर मध्यरात्रि के दौरान उनकी आधिकारिक ई-मेल आईडी पर एक अशोभनीय टिप्पणी भेजी।
न्यायालय के समक्ष यह भी प्रस्तुत किया गया कि वह न्यायालय में महिला न्यायाधीश को परेशान कर रहा था और विभिन्न अवसरों पर उसने बेकार और अंतरंग बातचीत शुरू करके उसके साथ संपर्क स्थापित करने की कोशिश की।
जैसा कि मीडिया रिपोर्ट में बताया गया है कि वकील विजय सिंह यादव ने अपनी फेसबुक आईडी से एक कवर फोटो का प्रिंट लिया और अपनी फोटो, ई-मेल आईडी, पता, मोबाइल को नंबर को संपादित करके एक जाली कार्ड बनवाया।
इस जाली कार्ड पर उसने गंदी भाषा में एक उद्धरण लिखा और स्पीड पोस्ट के माध्यम से उस जाली कार्ड को लेडी जज के इनबॉक्स में भेज दिया।
इसके बाद महिला जज ने स्टेशन हाउस ऑफिसर, स्टेशन रोड, रतलाम के समक्ष शिकायत दर्ज कराई और आईपीसी, 1860 की धारा 420, 464 468, 469 और आईटी एक्ट, 2000 की धारा 67 और 41 के तहत अधिवक्ता विजय सिंह यादव के खिलाफ दर्ज कराया।
लेडी जज ने अधिवक्ता की कथित गतिविधियों के संबंध में मध्य प्रदेश न्यायाधीश संघ के अध्यक्ष को भी शिकायत की।
गिरफ्तारी के चार दिन बाद 13 फरवरी को एक निचली अदालत ने अधिवक्ता की जमानत याचिका खारिज कर दी थी। इसके बाद, उनके परिवार ने जमानत के लिए मध्य प्रदेश हाईकोर्ट की इंदौर पीठ से संपर्क किया।
केस का शीर्षक - विजयसिंह यादव बनाम मध्य प्रदेश राज्य [MCRC-11991-2021]
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