मध्य प्रदेश हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस के आश्वासन के बाद स्टेट बार काउंसिल ने कार्य से विरत रहने का प्रस्ताव वापस लिया
मध्य प्रदेश मध्य प्रदेश स्टेट बार एसोसिएशन ने मध्य प्रदेश हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश रवि मलिमठ के वकीलों की समस्याओं के विषय पर विचार करने के आश्वासन के बाद वकीलों के शुक्रवार को कार्य से विरत रहने के अपने पूर्व प्रस्ताव को वापस ले लिया।
इससे पहले स्टेट बार एसोसिएशन ने वकीलों की व्यवसायिक परेशानियों और प्रदेश भर में वकीलों की सुरक्षा के मुद्दों की अपनी मांगों को लेकर 24 फरवरी को पूरे प्रदेश में वकीलों के कार्य से विरत रहने का प्रस्ताव पारित किया था।
मध्य प्रदेश हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश रवि मलिमठ से इस मुद्दे पर बार के पदाधिकारियों ने मुलाकात की। मुख्य न्यायाधीश ने इस विषय पर विचार करके इसका उचित हल निकालने के आश्वासन के बाद बार काउंसिल ने कार्य से विरत रहने का अपना पूर्व प्रस्ताव रद्द कर दिया।
स्टेट बार काउंसिल के द्वारा गुरुवार को जारी एक सर्कुलर में यह कहा गया कि
"माननीय मुख्य न्यायाधीश, मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने इस मुद्दे पर विचार करने का आश्वासन दिया है, जिसके बाद बार द्वारा पूर्व प्रस्तावित वकीलों के एक दिन के लिए कार्य से विरक्त रहने का प्रस्ताव रद्द किया जाता है।"