यमन में मौत की सज़ा पाने वाली मलयाली नर्स की मां ने 'ब्लड मनी' पर बातचीत के लिए यात्रा की अनुमति की मांग करते हुए दिल्ली हाईकोर्ट का रुख किया

Update: 2023-10-28 09:14 GMT

यमनी नागरिक की हत्या करने वाली और वहां मौत की सजा पाने वाली भारतीय नागरिक निमिषा प्रिया की मां ने ब्लड मनी का भुगतान करके पीड़ित परिवार के साथ बातचीत करने के लिए विदेश जाने की अनुमति के लिए दिल्ली हाईकोर्ट का रुख किया।

जस्टिस सुब्रमण्यम प्रसाद ने केंद्र सरकार से जवाब मांगा और उसे मामले में स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया।

मां ने भारतीय नागरिकों के लिए विदेश यात्रा पर प्रतिबंध के बावजूद यमन की यात्रा की अनुमति मांगी।

उसका मामला है कि उसकी बेटी को फांसी से बचाने का एकमात्र तरीका मृतक के परिवार के साथ ब्लड मनी का भुगतान करके बातचीत करना है, जिसके लिए उसे यमन की यात्रा करनी होगी। हालांकि, भारतीय नागरिकों पर यात्रा प्रतिबंध के कारण वह ऐसा करने में असमर्थ है।

7 मार्च, 2022 को यमन की अपीलीय अदालत ने निमिषा प्रिया द्वारा दायर अपील खारिज कर दी, जिसे वर्ष 2017 में तलाल अब्दो महदी की हत्या के लिए मौत की सजा सुनाई गई।

निमिषा ने कथित तौर पर अपना पासपोर्ट वापस पाने के लिए उसे नशीला इंजेक्शन दिया, जो उसके पास था। निमिषा को महदी ने कथित तौर पर दुर्व्यवहार और यातना दी।

पिछले साल समन्वय पीठ ने उस याचिका का निपटारा कर दिया, जिसमें केंद्र को पीड़ित परिवार के साथ बातचीत की सुविधा देने और यमन कानून के अनुसार ब्लड मनी का भुगतान करके प्रिया को मृत्युदंड से बचाने का निर्देश देने की मांग की गई।

बाद में एकल न्यायाधीश के आदेश के खिलाफ अपील खंडपीठ ने खारिज कर दी।

याचिकाकर्ता के वकील: सुभाष चंद्रन और कृष्णा एल.आर.।

प्रतिवादियों के लिए वकील: पवन नारंग, एसपीसी, शौर्य राय, जीपी और हिमांशु सेठी, ऐश्वर्या छाबड़ा।

केस टाइटल: प्रेमाकुमारी बनाम भारत संघ और अन्य

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