सत्येंद्र जैन मनी लॉन्ड्रिंग मामला: दिल्ली हाईकोर्ट ने ट्रायल कोर्ट को एलएनजेपी अस्पताल द्वारा 'आप' मंत्री की मेडिकल रिपोर्ट पर विचार करने से रोका

Update: 2022-07-28 11:57 GMT

दिल्ली हाईकोर्ट ने गुरुवार को शहर के राउज एवेन्यू कोर्ट को आम आदमी पार्टी (आप) के मंत्री सत्येंद्र जैन के एलएनजेपी अस्पताल की मेडिकल रिपोर्ट पर विचार करने से रोक दिया। सत्येंद्र जैन वर्तमान में प्रवर्तन निदेशालय द्वारा जांच की जा रही मनी लॉन्ड्रिंग मामले में न्यायिक हिरासत में है।

जस्टिस जसमीत सिंह ने ईडी द्वारा दायर याचिका पर नोटिस जारी किया, जिसमें एलएनजेपी अस्पताल के बजाय स्वतंत्र अस्पताल से जैन की मेडिकल जांच कराने की मांग की गई है। एलएनजेपी अस्पताल सीधे दिल्ली सरकार के नियंत्रण में है, जिसमें मेडिकल रिपोर्ट में पक्षपात की संभावना का आरोप लगाया गया है।

जैन ने 10 जुलाई को निचली अदालत में मेडिकल आधार पर अंतरिम जमानत की अर्जी दी थी। बाद में उन्हें 15 जुलाई को शहर के लोक नायक जयप्रकाश अस्पताल में भर्ती कराया गया था।

ईडी की ओर से पेश एडिशनल सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू ने अदालत के सामने कहा कि जैन ने एक दिन भी जेल में नहीं बिताया है। वह राज्य के मंत्री होने का फायदा उठा रहे हैं।

राजू ने तर्क दिया कि जैन द्वारा हिरासत में बिताए गए कुल 46 दिनों में से वह 20 दिनों के लिए जेल की डिस्पेंसरी में थे। शेष 26 दिन उसने एलएनजेपी अस्पताल में बिताए।

तदनुसार, सुनवाई की अगली तारीख तक एलएनजेपी अस्पताल द्वारा मेडिकल रिपोर्ट पर विचार करने से ट्रायल कोर्ट को रोकते हुए कोर्ट ने मामले को आगे की सुनवाई के लिए 17 अगस्त को पोस्ट किया।

एजेंसी ने विशेष न्यायाधीश द्वारा पारित 6 जुलाई और 19 जुलाई के आदेशों को चुनौती दी, जिसमें लोक नायक अस्पताल के बजाय राम मनोहर लोहिया अस्पताल या एम्स अस्पताल जैसे किसी भी स्वतंत्र अस्पताल द्वारा जैन की मेडिकल जांच करने की उसकी प्रार्थना को खारिज कर दिया गया था। इस पर न्यायाधीश ने एजेंसी की आपत्ति के बावजूद एलएनजेपी अस्पताल से विस्तृत मेडिकल रिपोर्ट मांगी थी।

प्रवर्तन निदेशालय का मामला यह है कि एलएनजेपी अस्पताल द्वारा जैन की मेडिकल जांच करने पर पक्षपात होने का डर है, क्योंकि अस्पताल दिल्ली सरकार के सीधे नियंत्रण में है। जैन जीएनसीटीडी के स्वास्थ्य मंत्री हैं।

इस प्रकार एजेंसी ने जैन के अत्यंत प्रभावशाली व्यक्ति होने का दावा करते हुए स्वतंत्र मेडिकल जांचको सक्षम करने के लिए निर्देश मांगे।

याचिका में जैन की मेडिकल कंडिशन की जांच या सत्यापन के लिए एम्स या आरएमएल या सफदरजंग अस्पताल के पैनल डॉक्टरों से युक्त मेडिकल बोर्ड का गठन करने का निर्देश देने की भी मांग की गई।

एजेंसी ने जैन और अन्य के खिलाफ कथित आय से अधिक संपत्ति के मामले में पांच कंपनियों और अन्य से संबंधित 4.81 करोड़ रुपये की संपत्ति कुर्क की थी। ।

कथित तौर पर से ये संपत्तियां अकिंचन डेवलपर्स, इंडो मेटलिम्पेक्स, पर्यास इंफोसोल्यूशंस, मंगलायतन प्रोजेक्ट्स और जे.जे. आदर्श संपदा आदि।

मनी लॉन्ड्रिंग का मामला सीबीआई द्वारा मंत्री और अन्य व्यक्तियों के खिलाफ वर्ष 2017 में भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत दर्ज एफआईआर पर आधारित है, जिसमें यह आरोप लगाया गया था कि फरवरी 2015 से मई 2017 की अवधि के दौरान मंत्री ने आय के ज्ञात स्रोतों से अधिक संपत्ति का अधिग्रहण किया था। सीबीआई ने तब जैन के खिलाफ दिसंबर, 2018 में चार्जशीट दाखिल की थी।

ईडी ने पहले एक बयान में कहा था,

"2015-16 की अवधि के दौरान, लोक-सेवक के रूप में सत्येंद्र कुमार जैन अपने स्वामित्व और नियंत्रण वाली उपर्युक्त कंपनियों को कोलकाता स्थित प्रवेश ऑपरेटरों को हस्तांतरित नकद के बदले मुखौटा कंपनियों से 'हवाला' मार्ग के माध्यम से 4.81 करोड़ रुपये की आवास प्रविष्टियां प्राप्त हुईं।"

केस टाइटल: ईडी बनाम सत्येंद्र जैन

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