मैनुअल स्कैवेंजिंग: दिल्ली हाईकोर्ट ने जहरीले सीवर के धुएं के कारण दो मौतों के बारे में रिपोर्ट पर स्वत: संज्ञान लिया

Update: 2022-09-12 06:00 GMT

दिल्ली हाईकोर्ट ने सोमवार को उस मीडिया रिपोर्ट पर स्वत: संज्ञान लिया, जिसमें कहा गया कि शहर के मुंडका इलाके में पिछले सप्ताह सीवर के अंदर जहरीली गैसों के रिसाव के कारण दो लोगों की मौत हो गई।

चीफ जस्टिस सतीश चंद्र शर्मा और जस्टिस सुब्रमण्यम प्रसाद की खंडपीठ ने दिल्ली नगर निगम (एमसीडी), दिल्ली सरकार के मुख्य सचिव और दिल्ली जल बोर्ड को नोटिस जारी किया।

अदालत ने मामले में पीठ की सहायता के लिए सीनियर एडवोकेट राजशेखर राव को एमिक्स क्यूरी नियुक्त किया।

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, मरने वाले दो लोगों में रोहित चांडीलिया है, जो दिल्ली विकास प्राधिकरण के फ्लैटों में स्वीपर के रूप में काम करते था और अशोक कुमार नामक व्यक्ति सुरक्षा गार्ड था।

समाचार रिपोर्ट में कहा गया कि जहां चांडिलिया सीवर के अंदर जाने वाला पहला व्यक्ति था, वहीं जहरीली गैसों को सांस के द्वारा अंदर लेने के बाद वह बेहोश हो गया। इसके बाद कुमार चंडीलिया को बचाने सीवर के अंदर गए जहां वह भी बेहोश हो गया। दोनों लोगों को अस्पताल ले जाया गया, लेकिन उन्हें मृत घोषित कर दिया गया।

हाल ही में केंद्र ने दिल्ली हाईकोर्ट को सूचित किया कि सरकार द्वारा की गई विभिन्न पहलों के कारण सीवर और सेप्टिक टैंक की सफाई के दौरान दुखद दुर्घटनाओं की संख्या में काफी कमी आई है।

एडवोकेट अमित साहनी द्वारा 2019 में दायर जनहित याचिका में केंद्र सरकार द्वारा अपने सामाजिक न्याय और अधिकारिता विभाग के माध्यम से लघु हलफनामा दायर किया गया, जिसमें मैनुअल स्कैवेंजर्स और उनके पुनर्वास अधिनियम, 2013 के नुकसान को रोकने के लिए रोजगार निषेध के सख्त अनुपालन की मांग की गई।

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