मद्रास बार एसोसिएशन ने अरविंद दातार को ED समन की निंदा की, कहा- इस तरह की कार्रवाई से कानूनी व्यवस्था पंगु हो जाएगी

Update: 2025-06-16 13:41 GMT

मद्रास बार एसोसिएशन ने सीनियर एडवोकेट अरविंद दातार को उनके द्वारा दी गई कानूनी राय के संबंध में नोटिस जारी करने के प्रवर्तन निदेशालय (ED) के कृत्य की निंदा की।

एसोसिएशन ने इस बात पर प्रकाश डाला कि सुप्रीम कोर्ट ने बार-बार माना कि वकील अपने मुवक्किलों के कथित कृत्यों के लिए उत्तरदायी नहीं हैं। इसने यह भी कहा कि यदि वकील को उनकी कानूनी राय के लिए बलपूर्वक उपायों के अधीन किया जाता है तो इससे कानूनी व्यवस्था पंगु हो जाएगी।

एसोसिशन ने कहा,

"माननीय सुप्रीम कोर्ट ने बार-बार माना है कि वकील अपने मुवक्किलों के कथित कृत्यों के लिए उत्तरदायी नहीं हैं। यदि वकील को कानूनी सलाह के लिए बलपूर्वक उपायों के अधीन किया जा सकता है तो इससे कानूनी व्यवस्था पंगु हो जाएगी।"

हालांकि ED ने सीनियर एडवोकेट को जारी किए गए समन को वापस ले लिया, लेकिन MBA ने ED की कार्रवाई के खिलाफ अपना विरोध दर्ज कराया और टिप्पणी की कि उन्हें उम्मीद है कि ED उन वकीलों के खिलाफ ऐसी कार्रवाई नहीं दोहराएगा, जो निडरता से अपने कर्तव्यों का पालन करते हैं।

सुप्रीम कोर्ट एडवोकेट्स ऑन रिकॉर्ड एसोसिएशन (SCAORA) ने भी ED की कार्रवाई के खिलाफ अपना कड़ा विरोध दर्ज कराया।

SCAORA ने कहा कि दातार एक बेहद सम्मानित सीनियर एडवोकेट हैं और उनकी ईमानदारी पर कोई सवाल नहीं उठा सकता।

उन्होंने कहा,

"बार के एक सीनियर सदस्य को उनकी पेशेवर जिम्मेदारी निभाने के लिए बुलाना अधिकार का दुरुपयोग है और वकील की भूमिका की पवित्रता का अपमान है।"

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