पंजाब IB में कानूनी अधिकारियों का कम वेतनमान, हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से निर्णय लेने को कहा
पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने पंजाब सरकार को राज्य के खुफिया ब्यूरो (IB) में कार्यरत कानूनी अधिकारियों को दिए जा रहे कथित मनमाने और अनुचित रूप से कम वेतनमान को चुनौती देने वाली याचिका पर निर्णय लेने का निर्देश दिया।
यह आरोप लगाया गया कि पंजाब अन्वेषण ब्यूरो (सिविलियन सपोर्ट स्टाफ) ग्रुप-बी सेवा नियम, 2021" और "पंजाब अन्वेषण ब्यूरो (सिविलियन सपोर्ट स्टाफ) ग्रुप-सी सेवा नियम, 2021" अधिसूचित किए गए। कानूनी अधिकारी का वेतनमान 29,200 रुपये और सहायक कानूनी अधिकारी का वेतनमान 25,500 रुपये निर्धारित किया गया, जो "अनुचित, अधिकारी समिति की रिपोर्ट के विपरीत और संविधान के अनुच्छेद 14, 16 और 39 का उल्लंघन है और इसमें कोई स्पष्ट अंतर नहीं है।"
जस्टिस अनुपिंदर सिंह ग्रेवाल और जस्टिस दीपक मनचंदा की खंडपीठ ने कहा,
"उपरोक्त तथ्यों और परिस्थितियों को देखते हुए याचिका का निपटारा प्रतिवादी नंबर 1 (पंजाब सरकार) को निर्देश के साथ किया जाता है कि वह याचिकाकर्ताओं द्वारा प्रस्तुत किए जाने पर उसके बाद तीन महीने की अवधि के भीतर कानून के अनुसार, अभ्यावेदन पर विचार करें और निर्णय लें।"
याचिकाकर्ताओं के वकील ने प्रस्तुत किया कि याचिकाकर्ताओं को प्रतिवादी विभाग द्वारा जारी विज्ञापन के अनुसरण में पंजाब अन्वेषण ब्यूरो में सहायक कानूनी अधिकारी और कानूनी अधिकारी के रूप में नियुक्त किया गया।
उन्हें ग्रुप 'सी' में रखा गया। हालांकि, सहायक विधि अधिकारी के रूप में नियुक्ति के लिए आवश्यक योग्यता लॉ ग्रेजुएट (LLB) के साथ-साथ बार में दो वर्ष का अनुभव है, जबकि लॉ अधिकारी के पद के लिए योग्यता लॉ ग्रेजुएट (LLB) के साथ-साथ बार में सात वर्ष का अनुभव है।
यह प्रस्तुत किया गया कि राज्य सरकार के अन्य सभी विभागों में सहायक विधि अधिकारियों और विधि अधिकारियों के पद ग्रुप 'बी' के पदों में रखे गए और उन्हें उच्च वेतनमान मिल रहा है।
उन्होंने आगे कहा कि याचिकाकर्ता राज्य सरकार के समक्ष अभ्यावेदन प्रस्तुत करेंगे, जिसे कानून के अनुसार शीघ्रता से विचार करने और निर्णय लेने का निर्देश दिया जा सकता है।
याचिका पर विचार करते हुए न्यायालय ने सरकार को अभ्यावेदन पर निर्णय लेने का निर्देश दिया।