लाउडस्पीकर विवाद: बॉम्बे हाईकोर्ट में राज ठाकरे के खिलाफ राजद्रोह का मामला दर्ज करने के लिए जनहित याचिका दायर

Update: 2022-05-06 06:00 GMT

बॉम्बे हाईकोर्ट में सामाजिक और राजनीतिक एक्टिविस्ट होने का दावा करने वाले हेमंत पाटिल ने याचिका दायर कर महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) नेता राज ठाकरे के खिलाफ राजद्रोह का आरोप लगाते हुए एफआईआर दर्ज करने की मांग की। इसके साथ ही उन्हें महाराष्ट्र में प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित करने, लाउडस्पीकरों पर हनुमान चालीसा और मस्जिदों से लाउडस्पीकर हटाने के लिए करने से रोकने की भी मांग की गई।

उन्होंने कहा कि एक मई को ठाकरे ने औरंगाबाद में एक रैली का आयोजन किया, जिसमें उन्होंने राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के सुप्रीमो शरद पवार पर हिंदू कार्ड खेलकर उनके भाषणों पर हमला किया था।

ठाकरे ने आगे चेतावनी दी कि अगर मस्जिदों से लाउडस्पीकर नहीं हटाए गए तो उनके लोग उन पूजा स्थलों के बाहर लाउडस्पीकरों पर हनुमान चालीसा बजाएंगे।

याचिका के अनुसार, ठाकरे ने दावा किया कि पवार हिंदू धर्म के खिलाफ हैं। याचिकाकर्ता ने शांति भंग की आशंका का दावा किया।

याचिकाकर्ता ने कहा कि औरंगाबाद पुलिस ने केवल ठाकरे को भारतीयं दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 153, 116 और 117 और महाराष्ट्र पुलिस अधिनियम के प्रावधानों के तहत मामला दर्ज किया है।

उन्होंने कहा कि लाउडस्पीकर पर हनुमान चालीसा बजाने की योजना पहले से ही लागू की जा रही है। लेकिन ठाकरे के खिलाफ राजद्रोह का मामला दर्ज नहीं किया गया था।

इसलिए उन्होंने जनहित में याचिकाकर्ता दिनांक 04/05/2022 के अभ्यावेदन पर शांति भंग, सार्वजनिक उपद्रव और राजद्रोह के अपराध के लिए आदेश देने और जांच करने और एफआईआर दर्ज करने के लिए प्रमाण पत्र या किसी अन्य उपयुक्त रिट की मांग की।

उन्होंने कहा,

"इस माननीय न्यायालय को लाउडस्पीकरों पर हनुमान चालिसा बजाने और लाउडस्पीकरों को हटाने के मुद्दे पर महाराष्ट्र राज्य के विभिन्न स्थानों पर प्रेस कांफ्रेंस, यात्रा करने और सभा आयोजित करने के लिए प्रतिवादी नंबर चार के खिलाफ एक आदेश या निर्देश से रोका जा सकता है।"

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