लॉ इंटर्न अदालतों में सफेद शर्ट, काली पैंट और काली टाई पहनकर आ सकते हैं: दिल्ली हाईकोर्ट

Update: 2023-02-23 08:09 GMT

दिल्ली हाईकोर्ट ने गुरुवार को कहा कि लॉ इंटर्न दिल्ली बार काउंसिल (बीसीडी) द्वारा निर्धारित सफेद शर्ट, काली टाई और काली पैंट पहनकर राष्ट्रीय राजधानी में अदालत परिसर में प्रवेश कर सकते हैं।

जस्टिस प्रतिभा एम सिंह ने यह भी कहा कि शहर की सिविल अदालतों से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक किसी भी अदालत में पेश होने वाले वकीलों को उनके लिए निर्धारित पोशाक के साथ सफेद बैंड पहनना होगा।

अदालत ने कहा,

“यह स्पष्ट किया जाता है कि शहर की सिविल अदालतों से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक किसी भी अदालत में पेश होने वाले वकीलों को पोशाक के साथ सफेद बैंड पहनना होगा। इंटर्न बार काउंसिल ऑफ दिल्ली द्वारा निर्धारित काली टाई, काली पैंट और सफेद शर्ट के साथ अदालत परिसर में प्रवेश कर सकते हैं।

अदालत सेकेंड ईयर के लॉ स्टूडेंट हार्दिक कपूर की याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें शाहदरा बार एसोसिएशन द्वारा जारी सर्कुलर को चुनौती दी गई। इस सर्कुलर में कहा गया कि कड़कड़डूमा कोर्ट में प्रैक्टिस करने वाले इंटर्न को सफेद शर्ट और नीला कोट और पतलून पहनना चाहिए।

दलील में तर्क दिया गया कि विवादित सर्कुलर से उन इंटर्न पर अनावश्यक वित्तीय बोझ पड़ेगा जो पहले से ही बिना किसी स्टाइपेंड या अल्प राशि के स्टाइपेंड के साथ काम कर रहे हैं।

याचिका का निस्तारण करते हुए अदालत ने कहा कि शाहदरा बार एसोसिएशन के सर्कुलर को बीसीडी द्वारा निर्धारित पोशाक द्वारा "अधिक्रमित किया जाएगा", जिसका पूरी दिल्ली में समान रूप से पालन किया जाएगा।

अदालत ने कहा,

"आक्षेपित सर्कुलर लागू नहीं रहेगा और बार काउंसिल ऑफ दिल्ली द्वारा निर्धारित पोशाक द्वारा प्रतिस्थापित किया जाएगा, जिसका दिल्ली भर में समान रूप से पालन किया जाएगा। याचिका तदनुसार निस्तारित की जाती है।”

शाहदरा बार एसोसिएशन के वकील ने प्रस्तुत किया कि बार काउंसिल ऑफ इंडिया (बीसीआई) द्वारा निर्धारित नियमों के तहत वकीलों के लिए निर्धारित पोशाक और कानूनी शिक्षा के नियम, 2008 के नियम 27 के बीच संघर्ष है, जो इंटर्न के लिए औपचारिक ड्रेस कोड निर्दिष्ट करता है।

यह भी कहा गया कि अदालतों में बड़ी संख्या में न्यायिक अधिकारी और वकील बैंड के बजाय काली टाई पहनते हैं। शाहदरा बार एसोसिएशन का यह स्टैंड था कि एक ओर न्यायाधीशों और वकीलों की पोशाक और दूसरी ओर इंटर्न की पोशाक के बीच विशिष्ट विशेषता होनी चाहिए।

बीसीडी की ओर से पेश वकील ने बार काउंसिल के प्रस्ताव पर भरोसा करते हुए तर्क दिया कि पोशाक में विशिष्ट विशेषता काली टाई होगी, जिसे इंटर्न पहन सकते हैं।

याचिकाकर्ता की ओर से पेश वकील ने कहा कि शाहदरा बार एसोसिएशन का ब्लू पैंट और ब्लेज़र निर्देशित करने वाला सर्कुलर टिकाऊ नहीं है।

जस्टिस सिंह ने इस संदर्भ में कहा कि बीसीडी का प्रस्ताव वकीलों के लिए निर्धारित सफेद पट्टी वाली पोशाक के विरोध में नहीं आएगा।

इससे पहले अदालत ने बीसीडी के अध्यक्ष को इंटर्न के लिए समान ड्रेस कोड के बारे में आम सहमति बनाने के लिए जिला बार संघों और बीसीआई सहित सभी हितधारकों की बैठक बुलाने के लिए कहा था।

यह देखा गया कि चूंकि बड़ी संख्या में इंटर्न दिल्ली जिला अदालतों और हाईकोर्ट कैंपस में आते हैं, इसलिए सभी हितधारकों द्वारा समान नीति बनाई जानी चाहिए, जिससे लॉ स्टूडेंट समान पोशाक वर्दी पहन सकें, जो स्पष्ट रूप से वकीलों की पोशाक से अलग हो।'

केस टाइटल: हार्दिक कपूर बनाम बार काउंसिल ऑफ इंडिया और अन्य

साइटेशन: लाइवलॉ (दिल्ली) 172/2023 

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