केरल हाईकोर्ट ने सरकार से एचसी स्टाफ की सेवानिवृत्ति आयु बढ़ाने के प्रस्ताव पर निर्णय लेने को कहा

Update: 2022-12-21 10:24 GMT

केरल हाईकोर्ट ने मंगलवार को राज्य सरकार से कहा कि वह 'मॉडल' के आधार पर प्रस्तावित न्यायिक सुधारों के आलोक में अपने स्टाफ की सेवानिवृत्ति की आयु बढ़ाने के संबंध में न्यायाधीशों की समिति द्वारा दिए गए प्रस्ताव पर जल्द से जल्द विचार करे और निर्णय ले।

जस्टिस देवन रामचंद्रन ने कहा:

"इस प्रकार यह स्पष्ट है कि एक तरफ इस अदालत के प्रस्ताव पर उचित परिप्रेक्ष्य में विचार करना सरकार के लिए अनिवार्य है, जबकि, दूसरी तरफ अस्थायी अवधि के दौरान इसके लिए अनुभवी स्टाफ की एक संतुलन प्राप्त करने के लिए आवश्यकता अनावश्यक है। मुझे यकीन है कि सरकार को उपरोक्त महत्वपूर्ण पहलुओं को ध्यान में रखते हुए विशेष रूप से 'ट्रांसिटोरी स्टेज' जल्द ही शुरू हो रहा है, एक्सटेंशन पी3 पर जल्द से जल्द निर्णय लेना चाहिए।

न्यायालय ने नोट किया कि सेवानिवृत्ति की आयु बढ़ाने के संबंध में सिफारिश यह सुनिश्चित करने के लिए की गई कि उसके अनुभवी स्टाफ की सेवाएं 'मॉडल डिजिटल कोर्ट' के अनुसार पेपरलेस कोर्ट में ट्रांजिशन के लिए उपलब्ध होंगी।

जस्टिस रामचंद्रन ने कहा,

"उक्त पत्र में कहा गया कि कोर्ट के अनुभवी कर्मचारियों की सेवाओं को ट्रांसिटोरी स्टेज के दौरान उपयोग करने की आवश्यकता है। स्टेज जनवरी, 2023 से शुरू होता है।

विशेष सरकारी वकील टी.बी. हूड ने अदालत से कहा कि प्रस्ताव सरकार के समक्ष विचाराधीन है और बिना किसी देरी के "उचित निर्णय" किया जाएगा। उन्होंने कहा कि हाईकोर्ट ने पहले ही दो अन्य मामलों में याचिकाकर्ताओं की सेवानिवृत्ति कर दी, जो उक्त रिट याचिकाओं के परिणाम के अधीन है।

इन परिस्थितियों में अदालत ने आदेश दिया कि याचिकाकर्ता और पक्ष प्रतिवादी की सेवानिवृत्ति याचिका में अंतिम आदेशों के अधीन होगी।

केस टाइटल: संजीव कुमार पी.पी. बनाम केरल राज्य

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