केरल हाईकोर्ट ने लक्षद्वीप के भाजपा महासचिव को 'भगवा झंडे' के साथ राष्ट्रीय ध्वज लगाने के आरोप में अग्रिम जमानत दी
केरल हाईकोर्ट ने शुक्रवार को लक्षद्वीप के भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) राज्य महासचिव को राष्ट्रीय ध्वज का अपमान करने के आरोप में अग्रिम जमानत दे दी।
मोहम्मद कासिम एचके पर राष्ट्रीय सम्मान के अपमान की रोकथाम अधिनियम, 1971 की धारा 2 के तहत मामला दर्ज किया गया है।
जस्टिस विजू अब्राहम ने आरोपों की प्रकृति को देखते हुए याचिकाकर्ता की हिरासत में पूछताछ की आवश्यकता नहीं होने पर ध्यान देते हुए अग्रिम जमानत दी।
अभियोजन पक्ष ने व्हाट्सएप ग्रुप में शेयर की जा रही तस्वीर पर भरोसा किया, जिसमें कासिम भारतीय राष्ट्रीय ध्वज को 'भगवा झंडे' के साथ पकड़े हुए दिखाई दे रहा है।
याचिकाकर्ता के वकील एडवोकेट अजीत जी. अंजारलेकर, जी.पी. शिनोद, गोविंद पद्मनाभन और अतुल मैथ्यूज ने तर्क दिया कि उक्त प्रावधान के तहत याचिकाकर्ता के खिलाफ कोई अपराध नहीं होगा, क्योंकि ध्वज की प्रदर्शनी किसी सार्वजनिक स्थान पर नहीं है, बल्कि कालीकट में उसके अपने घर की सीमा के भीतर है।
यह प्रस्तुत किया गया कि याचिकाकर्ता और उसकी पत्नी ने सरकार के 'हर घर तिरंगे' के हिस्से के रूप में तस्वीरें ली थी। यह तस्वीर उन दो तस्वीरों में से एक में है जिनमें से एक में याचिकाकर्ता ने 'भगवा झंडे' के नीचे राष्ट्रीय ध्वज को लगाया है।
तस्वीरों को प्रतिबंधित व्हाट्सएप ग्रुप में शेयर किया गया। इस ग्रुप में लक्षद्वीप के भाजपा सदस्य शामिल हैं, जहां से किसी ने उक्त तस्वीर को लक्षद्वीप के विभिन्न व्हाट्सएप ग्रुपों में शेयर कर दिया।
एडवोकेट ने प्रस्तुत किया कि जैसे ही याचिकाकर्ता को अनजाने में हुई अपनी गलती का एहसास हुआ तो उसने यह कहते हुए सार्वजनिक माफी जारी की कि भारतीय राष्ट्रीय ध्वज का अनादर करने के इरादे से "भगवा झंडे" के साथ नहीं रखा गया, बल्कि यह अनजाने में हुई गलती के कारण हुआ था।
याचिका का लक्षद्वीप प्रशासन के सरकारी वकील ने विरोध किया। उन्होंने कहा कि याचिकाकर्ता पांच अन्य आपराधिक मामलों में शामिल है।
अदालत ने कुछ कठोर शर्तों के अधीन आवेदन को अनुमति देना उचित समझा।
याचिकाकर्ता को 29 तारीख को जांच अधिकारी के समक्ष आत्मसमर्पण करने और उस दिन पूछताछ के लिए पेश होने का निर्देश दिया। गिरफ्तारी की स्थिति में उसे उसी दिन न्यायिक मजिस्ट्रेट के सामने पेश करने और जमानत पर रिहा करने का निर्देश दिया जाएगा।
इसके साथ ही कोर्ट ने 50,000/- रुपए की जमानत राशि और इनती ही राशि के दो जमानतदार पेश करने पर आरोपी को जमानत दे दी।
प्रतिवादियों का प्रतिनिधित्व लक्षद्वीप प्रशासन के सरकारी वकील एडवोकेट साजिथ कुमार वी ने किया।
केस टाइटल: मोहम्मद कासिम एच.के. बनाम केंद्र शासित प्रदेश लक्षद्वीप और अन्य।
साइटेशन: लाइव लॉ (केर) 450/2022
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