कर्नाटक हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से हाईकोर्ट परिसर में जगह की कमी को पूरा करने के लिए दो बिल्डिंग उपलब्ध करवाने का अनुरोध किया

Update: 2021-11-16 10:39 GMT

कर्नाटक हाईकोर्ट

कर्नाटक हाईकोर्ट ने मंगलवार को राज्य सरकार से कोर्ट के कार्यालयों के आवास के लिए हाईकोर्ट के करीब स्थित ओल्ड इलेक्शन बिल्डिंग और कर्नाटक सरकार बीमा डिपार्टमेंट बिल्डिंग को उपलब्ध करवाने पर विचार करने का अनुरोध किया।

मुख्य न्यायाधीश रितु राज अवस्थी और न्यायमूर्ति सचिन शंकर मगदुम की खंडपीठ ने अपने आदेश में कहा,

"हम राज्य सरकार से ओल्ड इलेक्शन बिल्डिंग और कर्नाटक सरकार की बीमा डिपार्टमेंट बिल्डिंग को हाईकोर्ट को सौंपने पर विचार करने का अनुरोध करते हैं। विशेष रूप से अंतरिक्ष की कमी की आकस्मिक समस्या को देखते हुए। हमें उम्मीद है कि राज्य सरकार सकारात्मक प्रतिक्रिया के साथ सामने आएगी।"

इसमें कहा गया,

"हम महाधिवक्ता से अनुरोध करते हैं कि इस समस्या को हल करने के लिए अपने कार्यालय का उपयोग करें और जगह की कमी की समस्या से निपटने में हाईकोर्ट की मदद करें।"

यह निर्देश अधिवक्ता रमेश नाइक एल द्वारा दायर एक याचिका की सुनवाई के दौरान दिया गया। याचिका में कहा गया कि हाईकोर्ट बिल्डिंग में बेसमेंट का कार्यालयों के रूप में उपयोग कानून के विपरीत है। यह राज्य सरकार को हाईकोर्ट को अतिरिक्त स्थान उपलब्ध कराने के लिए निर्देश देने की प्रार्थना करता है, ताकि कार्यालय के प्रयोजनों के लिए बेसमेंट के उपयोग को तुरंत रोका जा सके।

न्यायालय के पूर्व के आदेश के अनुसार, राज्य सरकार ने हाईकोर्ट के कुछ अनुभागों को स्थानांतरित करने के लिए निदेशालय तकनीकी शिक्षा भवन में दो कमरों का कब्जा सौंप दिया है। राज्य सरकार ने हाईकोर्ट को अतिरिक्त स्थान उपलब्ध कराने का आश्वासन दिया है।

मंगलवार को सुनवाई के दौरान शासकीय अधिवक्ता ने न्यायालय को बताया कि डीटीई भवन में अब कोई रिक्त स्थान उपलब्ध नहीं है जिसे हाईकोर्ट को सौंपा जा सके।

हाईकोर्ट प्रशासन की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता एसएस नागानंद ने अदालत को सूचित किया,

"यदि हाईकोर्ट के करीब ओल्ड इलेक्शन बिल्डिंग और कर्नाटक सरकार के बीमा डिपार्टमेंट को हाईकोर्ट सौंप दिया जाता है तो तत्काल समस्या का हल हो जाएगा।"

अदालत ने अब मामले की अगली सुनवाई के लिए छह जनवरी, 2022 की तारीख तय की है।

केस शीर्षक: रमेश नाइक एल बनाम कर्नाटक राज्य

केस नंबर: WP 52022/2019

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