कर्नाटक हाईकोर्ट ने छात्र के साथ दुर्व्यवहार के लिए पोक्सो अधिनियम के तहत आरोपी पीटी टीचर को जमानत दी

Update: 2022-05-24 05:56 GMT

कर्नाटक हाईकोर्ट

कर्नाटक हाईकोर्ट ने हाल ही में स्कूल की 10वीं कक्षा में पढ़ने वाली छात्रा के साथ दुर्व्यवहार करने के आरोपी पीटी टीचर को जमानत दे दी। टीचर पर यौन अपराधों से बच्चों के संरक्षण अधिनियम (पोक्सो अधिनियम), 2012 की धारा 8 और 12 के तहत आरोप लगाए गए हैं।

जस्टिस एच.पी. संदेश ने 55 साल के एन.आर. सुगंधाराजू को जमानत दी।

अभियोजन पक्ष का आरोप है कि आरोपी पीटी टीचर ने 10वीं में पढ़ने वाली छात्रा के साथ बदसलूकी की और जब वह 8वीं और 9वीं में थी तब भी उसने यही हरकत की थी। जब पीड़ित लड़की याचिकाकर्ता की हरकत को बर्दाश्त नहीं कर पाई तो स्कूल प्रिंसिपल से शिकायत की और उक्त शिकायत के आधार पर स्कूल प्रिंसिपल ने शिकायत दर्ज कर मामला दर्ज कर लिया।

याचिकाकर्ता के वकील ने तर्क दिया कि शिकायत दर्ज करने में देरी हुई और बाद में सोचा गया कि झूठी शिकायत दर्ज की गई है। आगे कहा गया कि जांच पहले ही पूरी हो चुकी है और याचिकाकर्ता पिछले दो महीने से हिरासत में है, जबकि उक्त अपराध के लिए अधिकतम सजा पांच साल है।

अभियोजन पक्ष ने कहा कि शिकायतकर्ता ने तुरंत शिकायत दर्ज नहीं कराई। पीड़िता लड़की ने इसे दोस्तों को बताया तो दोस्तों ने उसे प्रिंसिपल के पास शिकायत दर्ज करने के लिए कहा और तदनुसार शिकायत दर्ज की गई। पीड़िता के सीआरपीसी की 164 के तहत भी बयान अदालत में दर्ज किए गए।

न्यायालय के निष्कर्ष:

यह देखते हुए कि उक्त अपराध के लिए दी गई सजा अधिकतम पांच साल की अवधि के लिए है और याचिकाकर्ता पिछले दो महीनों से हिरासत में है, जांच पहले ही पूरी हो चुकी है और आरोप पत्र भी दायर किया गया है, अदालत ने कहा कि इसकी कोई आवश्यकता नहीं है। मामले को कस्टोडियल ट्रायल और ट्रायल में तय करने की आवश्यकता है।

इसमें कहा गया,

"इसलिए, शर्तों के साथ सीआरपीसी की धारा 439 के तहत शक्तियों का प्रयोग करना उचित है।"

तदनुसार, अदालत ने दो लाख रुपये के निजी मुचलके और इतनी ही राशि के दो जमानतदारों पेश करने पर आरोपी को जमानत दे दी। अदालत ने आरोपी पर ज़मानत के लिए कुछ अन्य शर्तें भी लगाईं।

केस टाइटल: एन.आर. सुगंधाराजू बनाम कर्नाटक राज्य

मामला नंबर: आपराधिक याचिका नंबर 2917/2022

साइटेशन: 2022 लाइव लॉ (कर) 168

आदेश की तिथि: 17 मई, 2022

उपस्थिति: याचिकाकर्ता के लिए एडवोकेट आई.एस प्रमोद चंद्र; एडवोकेट के.एस. अभिजीत, एचसीजीपी आर-1 के लिए; आर-2 . के लिए एडवोकेट एम. सोमशेखर

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