मांड्या जिले में गणेश विसर्जन जुलूस का मार्ग बदलने की अंतरिम याचिका खारिज की
कर्नाटक हाईकोर्ट ने बुधवार (3 सितंबर) को मांड्या जिले में विशेष मार्ग से गणेश प्रतिमा विसर्जन जुलूस निकालने के लिए एक अपंजीकृत संगठन द्वारा की गई अंतरिम प्रार्थना पर विचार करने से इनकार किया।
जस्टिस बी एम श्याम प्रसाद ने याचिकाकर्ता सामूहिक गणपति विसर्जन समिति को राहत देने से इनकार किया।
याचिकाकर्ताओं की ओर से पेश सीनियर एडवोकेट अरुण श्याम ने सुप्रीम कोर्ट के निर्णयों का हवाला दिया और तर्क दिया कि याचिकाकर्ताओं को अपने सुविधाजनक मार्ग से जुलूस निकालने का अधिकार है और जब संभावित परिणामों के बारे में आशंका व्यक्त की गई तो न्यायालयों ने हस्तक्षेप किया।
हालांकि, सरकारी वकील ने इस बात पर ज़ोर दिया कि पिछले वर्ष जब जुलूस याचिकाकर्ताओं द्वारा बताए गए मार्ग से निकाला गया तो जान-माल के नुकसान के साथ अप्रिय घटनाएं हुईं। साथ ही याचिकाकर्ताओं ने याचिका दायर की थी और अंतरिम प्रार्थना पर आज सुनवाई और आदेश देने का अनुरोध किया।
पीठ ने अपने आदेश में कहा,
"पहला याचिकाकर्ता अपंजीकृत संगठन है, जिसे गणेश प्रतिमा विसर्जन के लिए विशेष मार्ग से जुलूस निकालने की अनुमति है। याचिकाकर्ताओं ने मार्ग परिवर्तन की मांग की और उनकी शिकायत यह है कि प्राधिकारियों ने उनके आवेदनों पर विचार नहीं किया।"
पीठ ने आगे कहा,
"दिए गए आधारों के बावजूद, इस न्यायालय का यह विचार है कि सावधानी बरतनी चाहिए और कोई भी आदेश जारी करने से पहले प्राधिकारियों की राय ली जानी चाहिए। इसलिए अंतरिम प्रार्थना में उल्लिखित एक विशेष मार्ग से जुलूस निकालने के लिए अंतरिम आदेश देने का याचिकाकर्ता का अनुरोध वर्तमान अवसर पर विचार योग्य नहीं है।"
पीठ ने आगे कहा,
"प्रतिवादियों से अनुरोध है कि वे चार सप्ताह में अपनी दलीलें पूरी करें ताकि आगामी वर्षों के संबंध में याचिकाकर्ता की शिकायत की पूरी तरह से जांच की जा सके। याचिका को 3 नवंबर के लिए पुनः सूचीबद्ध किया जाए।"
Case Title: SAAMUHIKA GANAPATHI VISARJANA SAMITHI AND The Deputy Commissioner & Others