MUDA घोटाले में मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के खिलाफ चलेगा मुकदमा, राज्यपाल ने दी मंजूरी
कर्नाटक के राज्यपाल थावरचंद गहलोत ने वाल्मीकि निगम और मैसूर शहरी विकास प्राधिकरण (MUDA) से संबंधित करोड़ों रुपये के घोटाले में उनकी कथित भूमिका के लिए भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के प्रावधानों के तहत मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के खिलाफ मुकदमा चलाने की मंजूरी दी है।
गहलोत ने कहा कि मामले में गैर-पक्षपाती जांच की आवश्यकता है, क्योंकि प्रथम दृष्टया आरोप और सहायक सामग्री अपराध किए जाने का खुलासा करती है।"
राज्यपाल के आदेश में कहा गया,
"मैं संतुष्ट हूं कि टी.जे. अब्राहम, प्रदीप कुमार एसपी और स्नेहमयी कृष्णा की याचिकाओं में उल्लिखित अपराधों को करने के आरोपों पर मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के खिलाफ मंजूरी दी जा सकती है।"
इसमें कहा गया,
"इसलिए मैं मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 की धारा 17ए और भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, 2023 (BNSS) की धारा 218 के तहत याचिकाओं में उल्लिखित कथित अपराधों के लिए मंजूरी देता हूं।"
यह आरोप लगाया गया है कि MUDA घोटाला उन लोगों के लिए साइट आवंटन योजना में 3000 करोड़ का घोटाला है, जिनकी जमीन MUDA द्वारा विकास के लिए अधिग्रहित की गई थी।
यह मुद्दा तब सामने आया, जब यह बात सामने आई कि मुख्यमंत्री की पत्नी को मैसूर के केसारे गांव में उनकी 3.16 एकड़ जमीन अधिग्रहित करने के बदले में MUDA द्वारा एक पॉश इलाके में 14 साइटें आवंटित की गईं।