31 अगस्त तक सोशल मीडिया से प्रमोशनल रील्स/वीडियो हटाएं वकील, अन्यथा होगी कार्यवाही: राज्य बार काउंसिल का निर्देश

Update: 2025-08-21 06:32 GMT

कर्नाटक राज्य बार काउंसिल ने एक प्रस्ताव पारित किया। इस प्रस्ताव में उन वकीलों को निर्देश दिया गया, जिन्होंने सोशल मीडिया पर अपमानजनक बयान/प्रमोशनल रील्स और वीडियो अपलोड किए हैं। प्रस्ताव में उक्त वकीलों से कहा गया कि वे 31 अगस्त 2025 तक ऐसे आपत्तिजनक रील, वीडियो आदि हटा दें। ऐसा न करने पर एडवोकेट एक्ट, 1961 की धारा 35 के तहत अनुशासनात्मक कार्यवाही शुरू की जाएगी।

न्यायपालिका और विधिक बिरादरी के खिलाफ सोशल मीडिया पर दिए गए अपमानजनक बयानों के खिलाफ कार्रवाई शुरू करने के मुद्दे पर चर्चा करते हुए बार काउंसिल ने यह प्रस्ताव पारित किया।

यह चर्चा सीनियर एडवोकेट एस. बसवराज द्वारा कानून के संबंध में सोशल मीडिया पर प्रसारित रील के संबंध में भेजे गए एक ईमेल के बाद हुई। वकील संघ, हरपनहल्ली ने पत्र जारी किया, जिसमें उन वकीलों के खिलाफ कार्रवाई करने का अनुरोध किया गया, जो पेशे की गरिमा और मर्यादा को ठेस पहुंचा रहे हैं। एडवोकेट एक्ट की धारा 35 और वकील त्रिविक्रम एस के पत्र का भी संदर्भ लें, जिसमें वकीलों को एडवोकेट एक्ट, 1961 की धारा 35 के तहत व्यावसायिक कदाचार के रूप में वर्गीकृत प्रचार वीडियो बनाने/अपलोड करने/प्रसारित करने से रोकने के लिए परिपत्र जारी करने का अनुरोध किया गया।

प्रस्ताव नंबर 50/2025 में लिखा है,

"जिन वकीलों ने सोशल मीडिया पर अपमानजनक बयान/प्रचार रील और वीडियो वाली कोई भी सामग्री अपलोड की है, उन्हें निर्देश दिया जाता है कि वे 31/8/2025 के भीतर ऐसी आपत्तिजनक रील, वीडियो आदि को तुरंत हटा दें, अन्यथा KSBC एडवोकेट एक्ट, 1961 की धारा 35 के तहत अनुशासनात्मक कार्यवाही शुरू करेगा।"

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