जस्टिस चंद्रचूड़ COVID-19 पॉजीटिव हुए, सुप्रीम कोर्ट ने स्वतः संज्ञान मामले की सुनवाई टाली
सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश, न्यायमूर्ति डीवाई चंद्रचूड़ के COVID-19 पॉजीटिव हो जाने के बाद कोर्ट ने कोरोनावायरस मुद्दों पर लिए स्वतः संज्ञान मामलों पर सुनवाई को स्थगित कर दिया है।
जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़, जस्टिस एल नागेश्वर राव और जस्टिस एस रवींद्र भट की खंडपीठ ने गुरुवार को महामारी के मामले में स्वतः संज्ञान केस इन री डिस्ट्रीब्यूशन ऑफ एसेंशियल सप्लाइज एंड सर्विसेस को सुनने के लिए सूचीबद्ध किया गया था।
सुप्रीम कोर्ट की वेबसाइट में प्रकाशित एक नोटिस में कहा गया है कि बेंच के न्यायाधीशों में से एक COVID-19 टेस्ट में पॉजीटिव पाए गए हैं, इसलिए स्वतः संज्ञान मामलों की सुनवाई को स्थगित किया जा रहा है। सुनवाई की नई तारीख बाद में अधिसूचित की जाएगी।
इससे पहले 10 मई को सुप्रीम कोर्ट में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग को हैंडल करने वाले कंट्रोल रूम के सर्वर के डाउन हो जाने के चलते बेंच को सुनवाई स्थगित करनी पड़ी थी। इसके बाद पीठ ने मामले को अगली सुनवाई के लिए 13 मई को सूचीबद्ध किया था।
30 अप्रैल को पीठ ने केंद्र वैक्सीनेशन नीति, राज्यों को आवश्यक दवाओं के वितरण और ऑक्सीजन आवंटन के बारे में कई प्रासंगिक सवाल उठाए थे। पीठ ने एक प्रथम दृष्टया अवलोकन किया था कि केंद्र का वैक्सीनेशन अभियान नागरिकों के स्वास्थ्य के अधिकार के लिए हानिकारक है और इसे संविधान के अनुच्छेद 14 और 21 के जनादेश के अनुरूप बनाने के लिए एक पुनर्विचार की आवश्यकता है। न्यायालय ने यह भी सुझाव दिया था कि केंद्र को COVID-19 वैक्सीन और दवाओं पर अनिवार्य लाइसेंसिंग जैसे विकल्पों का पता लगाना चाहिए और निर्माताओं से वैक्सीन को केंद्र से खरीदा जाना चाहिए।
इसके जवाब में केंद्र ने एक हलफनामा दायर किया था। इस हलफनामा में कहा गया था कि उसकी वैक्सीनेशन नीति विशेषज्ञों और हितधारकों के साथ व्यापक परामर्श के आधार पर तैयार की गई थी और इसलिए यह संविधान के अनुच्छेद 14 और 21 के अनुरूप है।
केंद्र यह कहकर नीति की न्यायिक समीक्षा का विरोध किया,
"किसी भी अति उत्साही, हालांकि अर्थपूर्ण न्यायिक हस्तक्षेप से अप्रत्याशित और अनपेक्षित परिणाम हो सकते हैं।"