सिविक चंद्रन मामले में 'यौन उत्तेजक कपड़े' को लेकर विवादास्पद टिप्पणी करने वाले जज का ट्रांसफर हो गया
सिविक चंद्रन मामले (Civic Chandran Case) में 'यौन उत्तेजक कपड़े (Sexually Provocative Dress)' को लेकर विवादास्पद टिप्पणी करने वाले केरल के जज का ट्रांसफर हो गया। जज ने कहा था कि अगर महिला ने 'यौन उत्तेजक कपड़े' पहन रखी है तो भारतीय दंड संहिता की धारा 354 ए के तहत अपराध प्रथम दृष्टया आकर्षित नहीं होगा।
केरल हाईकोर्ट द्वारा मंगलवार को जारी प्रशासनिक आदेश के अनुसार, पूर्व जिला और सत्र न्यायाधीश, कोझीकोड, एस कृष्णकुमार को अब पीठासीन अधिकारी, लेबर कोर्ट, कोल्लम के पद पर स्थानांतरित किया गया है।
इसी आदेश से तीन अन्य जजों का भी तबादला कर दिया गया।
चंदन पर वास्तविक शिकायतकर्ता के प्रति यौन संबंध बनाने का आरोप है, जो एक युवा महिला लेखिका है। आरोप है कि नंदी बीच पर लगे कैंप में उसने शील भंग करने की कोशिश की। कोइलैंडी पुलिस ने उसके खिलाफ आईपीसी की धारा 354ए(2), 341 और 354 के तहत मामला दर्ज किया है।
इसके बाद उन्होंने अग्रिम जमानत के लिए अदालत का रुख किया और महिला की कुछ तस्वीरें पेश कीं।
जज ने 12 अगस्त को अग्रिम जमानत दे दी। कोर्ट ने यह भी कहा किया कि यह कैसे संभव है कि 74 वर्षीय शारीरिक रूप से अक्षम आरोपी शिकायतकर्ता को जबरदस्ती अपनी गोद में बिठा सकता है और उसके स्तनों को दबा सकता है।
न्यायाधीश ने टिप्पणी की कि वास्तव में शिकायतकर्ता खुद उन पोशाकों को उजागर कर रही है जो यौन उत्तेजक हैं।
इस टिप्पणी ने बड़े पैमाने पर सोशल मीडिया पर नाराजगी जताई जिसके बाद केरल सरकार ने आदेश को चुनौती देते हुए हाईकोर्ट का रुख किया। याचिका में कहा गया है कि सत्र न्यायालय द्वारा दिए गए तर्क अवैधता, संवेदनशीलता की कमी, संयम और विकृति से पीड़ित हैं।