कोर्ट को गुमराह करने के लिए जेकेएल हाईकोर्ट ने सीनियर एएजी को लगाई फटकार
जम्मू एंड कश्मीर एंड लद्दाख हाईकोर्ट ने सोमवार को सीनियर एडिशनल एडवोकेट जनरल एआर मलिक को कोर्ट को गुमराह करने के मामले फटकार लगाई। उन्होंने अतिरिक्त जिला आयुक्त को अनंतनाग जिला आयुक्त के रूप में पेश किया था। जिला आयुक्त ने याचिकाकर्ता के खिलाफ बेदखली आदेश पारित किया था, जिसके खिलाफ दायर याचिका पर अदालत ने बाद में उन्हें तलब किया था।
कोर्ट ने 31 दिसंबर, 2022 को अनंतनाग के जिलाधिकारी को जवाब दाखिल करने के लिए चार सप्ताह का आखिरी मौका देते हुए डिफॉल्ट की स्थिति में कोर्ट के सामने पेश होने का आदेश दिया था।
इसके बाद 4 फरवरी को सीनियर एएजी कोर्ट में पेश हुए और कहा कि कानून और व्यवस्था की समस्या के कारण, जिला मजिस्ट्रेट अदालत में पेश नहीं हो सके और अदालत को आश्वासन दिया कि जिला मजिस्ट्रेट सुनवाई की अगली तारीख पर प्रासंगिक रिकार्ड के साथ अदालत के समक्ष उपस्थित रहेंगे।
6 फरवरी को सीनियर एएजी ने एडीसी अनंतनाग, मोहम्मद अशरफ को इस तरह पेश किया, जिससे अदालत को यह विश्वास हो गया कि मानो डीसी अनंतनाग अदालत के सामने अपनी उपस्थिति दर्ज करा रहे हैं। मामले की सुनवाई पूरी होने के बाद ही कोर्ट को इस बात का पता चला।
जस्टिस वसीम सादिक नर्गल की पीठ ने सीनियर एएजी के आचरण पर गंभीरता से ध्यान दिया और उन्हें सोमवार तक अपना व्यक्तिगत हलफनामा दायर करने का निर्देश दिया, जिसमें उन्हें यह बताने के लिए कहा गया कि उन्होंने अदालत के संज्ञान में यह क्यों नहीं लाया कि अनंतनाग जिला मजिस्ट्रेट के बजाय के अतिरिक्त उपायुक्त अनंतनाग पेश हो रहे हैं।
इस मामले में सीनियर एएजी के आचरण पर नाराजगी जताते हुए, कोर्ट ने कहा कि एक वकील भी न्याय वितरण प्रणाली में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, लेकिन सीनियर एएजी की ओर से किया गया कार्य "अशोभनीय" है।
अदालत ने कहा,
"उन दोनों पर कानूनी बाध्यता थी कि वे अदालत को अवगत कराएं कि जिला मजिस्ट्रेट किन्हीं कारणों से पेश नहीं हो सके और उनके स्थान पर अनंतनाग के अतिरिक्त उपायुक्त अदालत के समक्ष अपनी उपस्थिति दर्ज करा रहे हैं।"
जिला आयुक्त द्वारा अपनाए गए कैजुअल तरीके पर खेद व्यक्त करते हुए अदालत ने कहा कि वह अदालत के आदेश के बावजूद अदालत के समक्ष पेश होने से बच रहे हैं और उनकी गैर हाजिरी के लिए न तो कोई तर्क दिया गया है और न ही अदालत के ध्यान में लाया गया है। ऐसे रैंक के अधिकारी का आचरण अशोभनीय और तिरस्कारपूर्ण प्रकृति का है।
कोर्ट ने कहा,
"उपरोक्त के मद्देनजर, मामले में आगे बढ़ने से पहले जिला मजिस्ट्रेट और अतिरिक्त उपायुक्त, अनंतनाग (मोहम्मद अशरफ) को निर्देश दिया जाता है कि वे 13 फरवरी, 2023 को अदालत के समक्ष अपनी स्थिति स्पष्ट करने के लिए उपस्थित रहें।"
केस टाइटल: मोहम्मद शफी नाइकू (सीनियर सिटिजन) बनाम जिलाधिकारी अनंतनाग और अन्य
कोरम: जस्टिस वसीम सादिक नरगल