कश्मीर में सड़े, अस्वास्थ्यकर मांस की बिक्री का आरोप, हाईकोर्ट ने नगर निगम अधिकारियों को नोटिस जारी किया
जम्मू-कश्मीर एंड लद्दाख हाईकोर्ट ने मंगलवार को वकील मीर उमर द्वारा दायर जनहित याचिका (PIL) पर नोटिस जारी किया, जिसमें केंद्र शासित प्रदेश में सड़े, अस्वास्थ्यकर और असुरक्षित मांस और पोल्ट्री उत्पादों की अनियंत्रित बिक्री पर प्रकाश डाला गया। साथ ही खाद्य सुरक्षा एवं नगरपालिका कानूनों को लागू करने में अधिकारियों की घोर लापरवाही का आरोप लगाया गया।
विभिन्न विभागों के खिलाफ शीर्षक वाली यह जनहित याचिका स्थानीय समाचार पत्र के कॉलम, "मीट द मीट माफिया" की ओर ध्यान आकर्षित करती है, जिसमें कश्मीर में असुरक्षित मांस बेचने वाले एक छिपे हुए गिरोह के अस्तित्व का दावा किया गया।
चीफ जस्टिस अरुण पल्ली और जस्टिस राजेश ओसवाल की खंडपीठ ने मामले की सुनवाई की और प्रतिवादियों को नोटिस जारी किया, जिन्हें याचिका की अग्रिम प्रतियां पहले ही दी जा चुकी थीं।
सुनवाई के दौरान, न्यायालय ने पाया कि आयुक्त, खाद्य सुरक्षा और नियंत्रक, औषधि एवं खाद्य नियंत्रण संगठन, जम्मू-कश्मीर, कार्यवाही में आवश्यक पक्ष होंगे। वकील के मौखिक अनुरोध पर आयुक्त को प्रतिवादी संख्या 6 के रूप में पक्षकार बनाया गया और डिप्टी एडवोकेट जनरल हकीम अमन अली ने न्यायालय में नोटिस स्वीकार कर लिया।
न्यायालय ने प्रतिवादियों को अपनी आपत्तिया दर्ज करने के लिए कुछ समय दिया और चेतावनी दी कि यदि अगली सुनवाई की तारीख से पहले जवाब दाखिल नहीं किए गए तो "उचित आदेश जारी किए जाएंगे"। याचिकाकर्ता के वकील ने यह भी कहा कि इस बीच अतिरिक्त सहायक सामग्री भी रिकॉर्ड में रखी जाएगी।
इस मामले की अगली सुनवाई 25 अगस्त, 2025 को होगी।