पॉक्सो मामले में झारखंड हाईकोर्ट ने छत्तीसगढ़ बीजेपी प्रत्याशी ब्रह्मानंद नेताम को अंतरिम संरक्षण दिया
झारखंड हाईकोर्ट ने सोमवार को राज्य को निर्देश दिया कि वह छत्तीसगढ़ में भानुप्रतापपुर विधानसभा उपचुनाव में भाजपा उम्मीदवार ब्रह्मानंद नेताम के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 376 बी, 376 (2)(ए) (i), 376डी, 366ए और धारा 370 के साथ-साथ पॉक्सो अधिनियम (POCSO Act) की धारा 4 और 6 के तहत गंभीर यौन अपराधों से जुड़े मामले में कोई भी 'दंडात्मक कदम' न उठाए।
इस मामले में कथित तौर पर झारखंड की 15 वर्षीय लड़की का यौन उत्पीड़न करने का आरोप शामिल है।
नेताम की ओर से पेश एडवोकेट इंद्रजीत सिन्हा ने अदालत को बताया कि सोमवार को उपचुनाव के लिए मतदान चल रहा था। उन्होंने प्रस्तुत किया कि उनके मुवक्किल के प्रतिद्वंद्वी द्वारा 21.11.2022 को प्रेस विज्ञप्ति जारी की गई, जिसमें आरोप लगाया गया कि वह जमशेदपुर के मामले में 'वांछित' है। तदनुसार, झारखंड पुलिस ने याचिकाकर्ता को 28.11.2022 को 29.11.2022 को उपस्थित होने के लिए नोटिस जारी किया।
उन्होंने आगे कहा कि याचिकाकर्ता का नाम टेल्को पुलिस स्टेशन, जमशेदपुर में दर्ज एफआईआर में नहीं है, जिसकी परिणति सत्र न्यायालय के समक्ष लंबित मामले में हुई। उन्होंने तर्क दिया कि हालांकि पीड़िता का बयान सीआरपीसी की धारा 164 के तहत दर्ज किया गया, लेकिन जहां तक मामले में नेताम की संलिप्तता का संबंध है, उसने कुछ भी नहीं कहा। उन्होंने आगे आरोप लगाया कि उनके मुवक्किल को उपचुनाव लड़ने से रोकने के मकसद से ही पूरी पुलिस मशीनरी को हरकत में लाया गया।
जस्टिस संजय कुमार द्विवेदी की एकल न्यायाधीश पीठ ने नेताम के वकील को सुनने के बाद राज्य को दो सप्ताह के भीतर निर्देश मांगने और जवाबी हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया।
इस बीच यह निर्देश दिया कि नेताम के खिलाफ अगली तारीख यानी 16 जनवरी, 2023 तक कोई कठोर कदम नहीं उठाया जाएगा और उन्हें जांच में सहयोग करने का आदेश दिया।
केस टाइटल: ब्रह्मानंद नेताम बनाम झारखंड राज्य और अन्य।
केस नंबर: सीआरएमपी नंबर 4292/2022
आदेश दिनांक: 5 दिसंबर, 2022
कोरम: जस्टिस संजय कुमार द्विवेदी
याचिकाकर्ता के वकील: इंद्रजीत सिन्हा, रोहित, कुमार हर्ष और सूर्य प्रकाश।
राज्य के लिए वकील: नेहला शमीन
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