जम्मू एंड कश्मीर हाईकोर्ट ने लंबे समय से लंबित मामलों को कम करने के लिए नए उपाय अपनाने की आदेश जारी किया

Update: 2023-04-08 10:19 GMT

JKL High Court

जम्मू एंड कश्मीर एंड लद्दाख हाईकोर्ट ने शुक्रवार को हाईकोर्ट में लंबित मामलों को कम करने के उपायों के साथ कार्यालय आदेश जारी किया।

चीफ जस्टिस एन. कोटेश्वर सिंह इस विषय पर निर्देश पारित करते हुए इस आशय की अधिसूचना जारी की, जिसमें कहा गया कि 10 वर्ष से ऊपर के सभी अंतिम सुनवाई के मामलों को मंगलवार और गुरुवार को सूचीबद्ध किया जाएगा। इन दिनों को अंतिम सुनवाई के दिनों के रूप में अनन्य रखा जाएगा, जिस दिन किसी अन्य गैर-सुनवाई मामले को तब तक नहीं लिया जाएगा जब तक कि चीफ जस्टिस द्वारा अनुमति नहीं दी जाती।

ऐसे मामलों को निर्देशित करना वाद सूची में "लक्षित मामले" के रूप में परिलक्षित होगा। अधिसूचना में आगे कहा गया कि जो मामले 20 वर्ष से अधिक पुराने हैं, वे अंतिम निपटान तक रोस्टर बेंच के बोर्ड में रहेंगे।

अंतिम सुनवाई के दिनों यानी मंगलवार और गुरुवार को अत्यावश्यक मामलों को सूचीबद्ध करने के संबंध में अधिसूचना में निर्देश दिया गया कि अत्यावश्यक मामलों को रोस्टर बेंच के समक्ष सूचीबद्ध किया जाएगा, जो उल्लेख के अधीन होगा। फिलहाल, एंट्री एंड ऑर्डर के मामले, जो पहले के न्यायिक आदेशों के कारण अंतिम सुनवाई के दिनों में सूचीबद्ध हैं, अंतिम सुनवाई के मामलों के समाप्त होने के बाद ही लिए जाएंगे।

अधिसूचना में रोस्टर के बावजूद "लक्षित मामलों" की सुनवाई के लिए हाईकोर्ट के दोनों विंगों में समय-समय पर फास्ट ट्रैक सिंगल बेंच गठित करने के लिए भी निर्धारित दिया गया।

संबंधित न्यायालयों के पीठ सचिवों/पाठकों को यह सुनिश्चित करने का निर्देश देते हुए कि भविष्य में केवल अंतिम सुनवाई के मामले मंगलवार और गुरुवार को तय किए जाते हैं, अधिसूचना में यह भी कहा गया कि वे यह भी सुनिश्चित करेंगे कि सीआईएस कैलेंडर का सख्ती से पालन किया जाए और सूचीबद्ध मामलों की संख्या न्यायपीठ के समक्ष सामान्यतः 70 से अधिक नहीं होगी।

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