बार चुनावों पर प्रतिबंध लगाने वाले डीएम के आदेश की आवश्यकता नहीं, इससे अदालत के कामकाज में बाधा आएगी: जम्मू-कश्मीर HCBA ने कहा

Update: 2023-07-20 09:49 GMT

जम्मू एंड कश्मीर हाईकोर्ट बार एसोसिएशन (HCBA) ने बयान जारी कर HCBA और वकीलों के समूह के बीच कथित झड़पों के आलोक में बार चुनाव रोकने के श्रीनगर डीएम के आदेश की आलोचना की।

HCBA ने इन आरोपों से इनकार किया कि उसने प्रतिद्वंद्वी गुट कश्मीर एडवोकेट्स एसोसिएशन (KAA) के सदस्यों को धमकी दी और उनकी बैठक को बाधित किया। HCBA ने कहा कि वह कानून के दायरे में समूह, एसोसिएशन बनाने और बैठकें आयोजित करने के किसी भी व्यक्ति के अधिकार का बचाव करता है।

इसमें कहा गया कि डीएम ने यह विचार किए बिना कि आरोप झूठे और दुर्भावनापूर्ण हैं, HCBA के चुनाव कराने पर सीआरपीसी की धारा 144 के तहत प्रतिबंध लगाने का आदेश जारी किया। इसके अलावा, यह दावा किया गया कि HCBA ने अभी तक कोई चुनाव नोटिस जारी नहीं किया और डीएम का आदेश काल्पनिक है, इसकी आवश्यकता नहीं है।

HCBA के प्रेस नोट में लिखा,

"इस सुनियोजित प्रकरण का उद्देश्य न केवल बार एसोसिएशन को बदनाम करना है, बल्कि राज्य के अधिकारियों को भी गुमराह किया है, जिन्होंने उचित जांच के बिना कार्रवाई की और सीआरपीसी की धारा 144 के तहत आदेश जारी किया, जिसकी न तो आवश्यकता है और न ही यह न्यायसंगत है। अदालत और न्याय प्रशासन के कामकाज में बाधा बन जाएगा।"

HCBA ने कहा कि अगर कोई चुनाव प्रक्रिया आयोजित की जाती है तो यह संवैधानिक समीक्षा समिति द्वारा अपनी राय देने के बाद ही की जाएगी।

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