योगी आदित्यनाथ के खिलाफ हेट स्पीच मामले में शिकायतकर्ता को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने गैंगरेप मामले में जमानत दी
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने पिछले हफ्ते एक्टिविस्ट परवेज परवाज को गैंगरेप के मामले में जमानत दे दी थी। गोरखपुर कोर्ट ने वर्ष 2020 उन्हें में उक्त मामले में दोषी ठहराया था और आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी।
उल्लेखनीय है कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के खिलाफ कथित हेट स्पीच के मामले में दर्ज एफआईआर में परवेज शिकायतकर्ता थे। एफआईआर में यह आरोप लगाया गया था कि वर्ष 2007 में गोरखपुर के तत्कालीन सांसद योगी आदित्यनाथ ने मुहर्रम के जुलूस के दौरान कथित रूप से मारे गए युवक की मौत का बदला लेने के लिए नफरत भरा भाषण दिया था।
निचली अदालत के फैसले और रिकॉर्ड का अवलोकन करते हुए जस्टिस सिद्धार्थ वर्मा और जस्टिस मनीष कुमार निगम की खंडपीठ ने कहा कि आवेदक/अपीलकर्ता (परवेज) के संबंध में निचली अदालत द्वारा दी गई सजा को स्थगित रखा जाना चाहिए और उसे जमानत दी जानी चाहिए।
उत्तर प्रदेश पुलिस ने सितंबर 2018 में परवेज को गैंग रेप के आरोप में गिरफ्तार किया था। 40 वर्षीय पीड़िता ने आरोप लगाया था कि आरोपी ने एक अन्य व्यक्ति के साथ बंदूक की नोक पर उसके साथ बलात्कार किया था। जुलाई 2020 में गोरखपुर के जिला सत्र न्यायालय ने उन्हें दोषी ठहराया और एक अन्य सह-आरोपी के साथ आजीवन कारावास की सजा सुनाई।
उक्त आदेश और फैसले को चुनौती देते हुए, उन्होंने हाईकोर्ट का रुख किया, जिसमें उनकी ओर से सीनियर एडवोकेट सैयद फरमान अहमद नकवी ने तर्क दिया कि आरोपी निर्दोष है और उसे इस मामले में झूठा फंसाया गया है।
यह भी तर्क दिया गया कि एफआईआर पीड़िता के भाई द्वारा पीड़िता के कहने पर दर्ज की गई थी और उम्र में विसंगतियां थीं और पीड़िता के शरीर पर कोई चोट नहीं थी।
अंत में, यह भी तर्क दिया गया कि अपीलकर्ता की आयु 68 वर्ष है और घटना के समय उसकी आयु लगभग 63 वर्ष थी।
एजीए ने जमानत आवेदन का विरोध किया लेकिन इस तथ्य से इनकार नहीं कर सका कि आवेदक/अपीलार्थी का घटना से पहले कोई उल्लेखनीय आपराधिक इतिहास नहीं था और वह इस तथ्य से भी इनकार नहीं कर सका कि आवेदक/अपीलार्थी की आयु लगभग 68 वर्ष है।
इस पृष्ठभूमि में आरोपी को संबंधित अदालत की संतुष्टि के लिए समान राशि में दो-दो जमानतदारों के साथ व्यक्तिगत बांड प्रस्तुत करने पर जमानत देदी। कोर्ट ने अपील पर फैसला आने तक जुर्माने की वसूली पर भी रोक लगा दी।
इसके साथ, अपील को अंतिम सुनवाई के लिए 28 जुलाई, 2023 को सूचीबद्ध किया गया।
संबंधित खबरों में, इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने इस साल की शुरुआत में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के खिलाफ 2007 के कथित हेट स्पीच के मामले में क्लोजर रिपोर्ट के खिलाफ उनकी विरोध याचिका को खारिज करने वाले एक ट्रायल कोर्ट के आदेश को चुनौती देने वाले परवेज द्वारा दायर याचिका को खारिज कर दिया था।
जस्टिस दिनेश कुमार सिंह की पीठ ने कहा कि याचिकाकर्ता (परवेज) एक व्यस्त व्यक्ति है जो 2007 से केस लड़ रहा है और मुकदमे लड़ने के लिए उसके संसाधन जांच का विषय होना चाहिए।
केस टाइटल- परवेज परवाज बनाम यूपी राज्य 2023 लाइव लॉ (एबी) 179 [आपराधिक अपील संख्या - 2440/2020]
केस साइटेशनः 2023 लाइवलॉ (एबी) 179