आईआईटी एडमिशन: राजस्थान हाईकोर्ट ने दस्तावेज़ अपलोड करने में विफल रहने के कारण उम्मीदवारी रद्द होने वाले स्टूडेंट को अंतरिम राहत दी

Update: 2023-07-13 07:51 GMT

IIT Admission case

राजस्थान हाईकोर्ट ने हाल ही में उस स्टूडेंट को आईआईटी-एडमिशन के लिए काउंसलिंग में भाग लेने की अनुमति दी, जिसकी उम्मीदवारी दस्तावेज़ अपलोड करने में विफलता के कारण रद्द कर दी गई थी।

जस्टिस डॉ. पुष्पेंद्र सिंह भाटी की एकल पीठ ने दिव्यांशु मीणा नामक स्टूडेंट द्वारा दायर रिट याचिका में अंतरिम आदेश पारित किया, जिसने एसटी वर्ग में जेईई (मेन) में 838 और जेईई (एडवांस्ड) में 704 रैंक प्राप्त की थी।

याचिकाकर्ता ने कहा कि उसने अपनी रैंक के आधार पर ऑनलाइन सीट आवंटन प्रक्रिया में अपने विकल्प दिए। हालांकि, कुछ तकनीकी खराबी के कारण वह निर्धारित समय सीमा के भीतर अपना बारहवीं कक्षा का सर्टिफिकेट और मेडिकल सर्टिफिकेट अपलोड नहीं कर सका। परिणामस्वरूप, वह ऑनलाइन भुगतान पोर्टल पर नहीं जा सका। इससे उसकी उम्मीदवारी रद्द हो गई।

यह कहते हुए कि तकनीकी खराबी के कारण उसके दो साल के प्रयास व्यर्थ चले गए, याचिकाकर्ता ने हाईकोर्ट के रिट क्षेत्राधिकार का इस्तेमाल करते हुए अपनी उम्मीदवारी बहाल करने और काउंसलिंग प्रक्रिया में भाग लेने की मांग की।

याचिका की प्रति केंद्र सरकार के सरकारी वकील आईआईटी गुवाहाटी अध्यक्ष की अध्यक्षता में संयुक्त सीट आवंटन प्राधिकरण (जोसा) को सौंपने का निर्देश देते हुए अदालत ने मामले को 18 जुलाई तक के लिए पोस्ट कर दिया।

अदालत ने कहा,

"इस बीच याचिकाकर्ता को प्रतिवादी द्वारा प्रदान की गई अनुसूची के अनुसार वर्तमान शैक्षणिक वर्ष के लिए काउंसलिंग प्रक्रिया में भाग लेने की अनुमति दी जाएगी। हालांकि, इस न्यायालय की अनुमति के बिना इसे अंतिम रूप नहीं दिया जाएगा।"

याचिकाकर्ता का प्रतिनिधित्व एडवोकेट आदित्य शर्मा और मानवेंद्र सिंह भाटी ने किया।

केस टाइटल: दिव्यांशु मीना बनाम भारत संघ | एस.बी. सिविल रिट याचिका नंबर 9121/2023

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