[मानव बलि] मध्य प्रदेश की महिला ने परिवार के सदस्यों के खिलाफ पुलिस सुरक्षा की मांग करते हुए मद्रास हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया
मध्य प्रदेश की महिला ने बलि चढ़ाने की आशंका से पर्याप्त पुलिस सुरक्षा की मांग करते हुए मद्रास हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया।
जस्टिस जी. चंद्रशेखरन की पीठ के समक्ष यह मामला सुनवाई के लिए सूचीबद्ध है।
23 साल की महिला ने आरोप लगाया कि उसकी सौतेली मां सहित उसके परिवार के सदस्य उसका मानव बलिदान करने की कोशिश कर रहे थे। इस बात का पता चलने पर वह घर छोड़कर तमिलनाडु भाग गई, जहां वह अब रह रही है।
महिला ने यह भी कहा कि वह राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) विंग की पूर्णकालिक कार्यकर्ता थी और केवल अपने माता-पिता की मजबूरी के कारण संगठन में शामिल हुई थी। उसने आगे कहा कि उसके माता-पिता प्रभावशाली व्यक्ति हैं, जिन्हें आरएसएस और भाजपा का समर्थन प्राप्त है, जिसके कारण किसी ने भी उनके मानव बलिदानों के खिलाफ शिकायत नहीं की।
उसने आगे कहा कि उसके परिवार ने पहले ही उसके भाई और दो अन्य अज्ञात व्यक्तियों की बलि दी है। इसलिए एक दोस्त की मदद से वह तमिलनाडु आ गईं, क्योंकि यह महिलाओं के लिए सुरक्षित जगह है।
इस प्रकार महिला ने सुरक्षा के लिए अदालत से गुहार लगाई, क्योंकि अन्यथा उसकी जान को खतरा था और इस बात की संभावना है कि उसे मानव बलिदान के नाम पर मार दिया जाएगा।