हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने राज्य में COVID-19 सुविधाओं की उपलब्धता पर जवाब मांगा; COVID-19 से संबंधित जानकारी को सरकारी पोर्टल पर अपलोड करने का निर्देश दिया

Update: 2021-07-25 06:30 GMT

Himachal Pradesh High Court

हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने राज्य में COVID-19 सुविधाओं की उपलब्धता के संबंध में एम्बुलेंस, मानसिक स्वास्थ्य अस्पतालों सहित अस्पतालों और बच्चों के संबंध में बाल रोग सुविधाओं के संबंध में राज्य सरकार से जवाब मांगा है।

कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश रवि मलीमठ और न्यायमूर्ति ज्योत्सना रेवाल दुआ की खंडपीठ ने राज्य सरकार को निर्देश दिया कि वह सभी COVID-19 से संबंधित वैक्सीन की संख्या और दर्ज की गई मौतों की संख्या से संबंधित गतिविधियों के बारे में प्रासंगिक विवरण राज्य की वेबसाइट पर अपलोड करना जारी रखे।

राज्य सरकार की ओर से पेश वरिष्ठ अतिरिक्त महाधिवक्ता द्वारा अदालत को अवगत कराए जाने के बाद यह घटनाक्रम आया कि राज्य COVID-19 के प्रसार को रोकने के लिए हर संभव प्रयास कर रहा है और इस संबंध में राज्य द्वारा और कार्यवाही की जाएगी।

दूसरी ओर, भारत के सहायक सॉलिसिटर जनरल ने न्यायालय को अवगत कराया कि भारत संघ को COVID-19 महामारी से संबंधित 240 करोड़ रुपये के अनुदान के लिए एक प्रस्ताव दिया गया है।

कोर्ट को यह भी आश्वासन दिया गया कि इस संबंध में आवश्यक कार्यवाही की जाएगी।

राज्य में COVID-19 स्थिति की समीक्षा करने के लिए न्यायालय पिछले साल अपने द्वारा स्थापित एक स्वत: संज्ञान याचिका पर विचार कर रहा था।

पिछली सुनवाई के दौरान, कोर्ट ने राज्य सरकार को निर्देश दिया था कि वह सुप्रीम कोर्ट के पिछले साल के आदेश के निर्देशों का पालन करके यह सुनिश्चित करे कि COVID-19 के अस्पतालों के अंदर सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएं और फुटेज भी उपलब्ध कराएं। COVID-19 की स्थिति से निपटने के लिए समय-समय पर अवलोकन के लिए संबंधित विशेषज्ञ समिति का गठन किया जाए।

इससे पहले, यह देखते हुए कि यदि आरटीपीसीआर टेस्ट युद्ध स्तर पर नहीं किए गए तो स्थिति सरकार के नियंत्रण से बाहर हो सकती है। इसके साथ ही कोर्ट ने राज्य सरकार को प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों को ऑक्सीजन सुविधाओं के साथ आईसीयू अस्पतालों में बदलने के लिए उठाए गए कदमों के बारे में सूचित करने का निर्देश दिया था।

इसके साथ ही राज्य सरकार को COVID-19 महामारी से निपटने में अपने काम में तेजी लाने का निर्देश दिया।

न्यायालय ने यह भी नोट किया था कि हिमाचल प्रदेश राज्य में अचानक वृद्धि और COVID-19 के प्रसार के कारण तीव्र चिकित्सा संकट था, जो न केवल शहरी क्षेत्रों में बल्कि गांवों तक भी पहुंच गया था। इसे देखते हुए कोर्ट ने प्रतिवादी अधिकारियों को कई निर्देश जारी किए थे।

शीर्षक: कोर्ट अपने ही प्रस्ताव पर 2020 का सीडब्ल्यूपीआईएल नंबर 33

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