ह‌रियाणा की उच्च स्तरीय समिति ने दोषियों की पैरोल 6 सप्ताह के लिए बढ़ाई

Update: 2020-09-28 05:55 GMT

ह‌रियाणा की उच्च स्तरीय समिति ने 26.09.2020 को अपनी 9वीं बैठक वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से की, जिसकी अध्यक्षता जस्टिस राजीव शर्मा, जज, पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट और कार्यकारी अध्यक्ष, हरियाणा राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण ने की। बैठक में श्री विजय वर्धन, आईएएस, अतिरिक्त मुख्य सचिव, हरियाणा, गृह विभाग, श्री के सेल्वराज, आईपीएस, महानिदेशक, जेल, हरियाणा और श्री प्रमोद गोयल, जिला एवं सत्र न्यायाधीश-सह-सदस्य सचिव हरियाणा राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण मौजूद थे।

राज्‍य स्तर पर उच्च स्तरीय समिति (HPC) का गठन सुप्रीम कोर्ट के 23.03.2020 के निर्देशों के तहत किया गया है, जिसे एक सुओ मोटो रिट याचिका (सिविल) नंबर 1/2020-In RE: COVID-19 के तहत जारी किया गया था। याचिका में पैरोल / अंतरिम जमानत पर दोषियों/ अपराधियों की रिहाई की मांग की गई ‌थी। एचपीसी ने 23.03.2020 को सुप्रीम कोर्ट द्वारा जारी निर्देशों के प्रभावी कार्यान्वयन के लिए विभिन्न अवसरों पर कई बैठकें आयोजित की थीं। उच्चाधिकार प्राप्त समिति द्वारा 24 मार्च 2020, 30 मार्च 2020, 13 अप्रैल 2020, 20 अप्रैल 2020, 05 मई 2020, 22 मई 2020, 15 जून 2020 और 31 अगस्त 2020 को आयोजित बैठकों में उच्‍च स्तरीय समिति ने हरियाणा की विभिन्न जेलों में बंद कैदियों की रिहाई के लिए उचित कदम उठाने के लिए संबंधित प्राधिकरणों को विभिन्न दिशानिर्देश जारी किए थे। ये सभी बैठकें वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए आयोजित की गई थीं।

COVID-19 के प्रकोप के कारण जेलों में भीड़भाड़ कम करने के लिए हरियाणा के विभिन्न जेलों से 24 मार्च 2020 से मौजूदा तारीख तक कुल 3,283 दोषियों और 1,599 अपराधियों को पैरोल / अंतरिम जमानत पर रिहा किया जा चुका है। कैदियों की सुरक्षा के लिए विभिन्न कदम भी उठाए गए जैसे सभी नए कैदियों को रखने के लिए विशेष जेलों की स्थापना; COVID रोगियों के लिए विशेष जेल, ; तेजी से COVID जांच और रिपोर्ट; कैदियों और कर्मचारियों के लिए सख्त क्वारंटाइन प्रोटोकॉल; वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से कैदियों की उपस्थिति आदि।

बैठक में, एचपीसी ने 2,399 ऐसे कैदियों को, जिन्होंने गंभीर अपराध किए हैं, सभी संबंधित एहतियाती उपायों और सुरक्षा उपायों के साथ, उनकी संबंधित जेलों में वापस बुलाने का फैसला किया है। एचपीसी द्वारा दोषियों की रिहाई जेलों के भीतर संक्रमण के जोखिम को कम करने और कैदियों और कर्मचारियों के जीवन को सुरक्षित रखने के लिए एक अस्थायी उपाय है।

यह देखते हुए कि जेल अधिकारियों के पास जेलों में 2,399 दोषियों, जिन्हें सात साल से अध‌िकी की कैद हुई है और गंभीर अपराधों में लिप्त रहे हैं, को समायोजित करने के लिए पर्याप्त स्थान है। एचपीसी ने जेल अधिकारियों को निर्देश दिया है कि वे ऐसे दोषियों को 02.10.2020 के बजाय 17.11.2020 से आत्मसमर्पण करने के लिए कहें। । विशेष पैरोल को छह सप्ताह तक 16.11.2020 तक बढ़ाया गया है। जेल के कैदियों के बीच किसी भी तरह के संक्रमण के जोखिम से बचने के लिए समर्पण 9 चरणों में होगा। सभी दोषियों को उनके आत्मसमर्पण की तारीख की सूचना दी जाएगी और आत्मसमर्पण की तारीख कारावास की अवधि के आधार पर तय की जाएगी। लंबी अवधि के कैदी पहले आत्मसमर्पण करेंगे।

इस संबंध में, जेल अधिकारियों और स्वास्थ्य अधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि वे एक-दूसरे के साथ समन्वय करें और सभी 2,399 दोषियों को जेल में प्रवेश से पहले जांच के लिए सभी आवश्यक कदम उठाएं। जेल अधिकारियों द्वारा इन दोषियों के आत्मसमर्पण के लिए उचित प्रक्रिया का पालन करते हुए प्रभावी कदम उठाए जाएंगे।

इसके अलावा, जेल अधिकारियों, स्वास्थ्य अधिकारियों और प्रशासन को जेलों में COVID​​-19 संक्रमण की रोकथाम सुनिश्चित करने के लिए कई अन्य दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं। 

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