हेरोइन तस्करी मामला: गुजरात हाईकोर्ट ने बेटी के निकाह पर आरोपी रफीक एडम सुमरा को तीन दिन की जमानत दी
गुजरात हाईकोर्ट ने 2018 के कुख्यात हेरोइन तस्करी मामले में आरोपी रफीक आदम सुमरा को उसकी बेटी की शादी में शामिल होने के लिए तीन दिन की अस्थायी जमानत दी।
जस्टिस विपुल पंचोली और जस्टिस संदीप भट्ट की खंडपीठ ने आदेश दिया कि रफीक को 16 जुलाई से 18 जुलाई, 2022 की अवधि के दौरान अस्थायी जमानत पर पुलिस एस्कॉर्ट के साथ जेल प्राधिकरण के समक्ष पांच हजार रुपये के निजी मुचलके पर रिहा किया जाएगा। पुलिस एस्कॉर्ट का खर्च वहन करेगी।
रफीक को अजीज अब्दुल भगद के साथ गुजरात आतंकवाद विरोधी दस्ते ने अगस्त 2018 में गिरफ्तार किया था और दोनों के पास से कथित तौर पर 14.84 करोड़ रुपये मूल्य की लगभग पांच किलो हेरोइन जब्त की गई थी। माना जा रहा है कि वह पाकिस्तान से समुद्री रास्ते से राज्य में प्रतिबंधित पदार्थ की तस्करी में शामिल है।
तदनुसार, उस पर नारकोटिक ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक सब्सटेंस एक्ट (एनडीपीएस एक्ट) की धारा 8 (सी), 21 (सी), 24, 25, 27 (ए), 29 और गैर कानूनी गतिविधि अधिनियम की धारा 17 और 18 के तहत दंडनीय अपराधों के लिए मामला दर्ज किया गया है।
बेंच राष्ट्रीय जांच एजेंसी अधिनियम, 2008 की धारा 21 (1) के तहत रफीक द्वारा दायर अपील पर सुनवाई कर रही है। इसमें कहा गया कि उसकी बेटी का निकाह 17 जुलाई को तय किया गया है और उसकी उपस्थिति की आवश्यकता है।
उल्लेखनीय है कि उसकी बेटी ने पहले अपनी सगाई के समय अदालत का दरवाजा खटखटाया था। अपनी याचिका में उसने निचली अदालत के आदेश को चुनौती दी थी जिसने उसे अस्थायी जमानत से वंचित कर दिया था। फिर हाईकोर्ट ने निकाह की तारीख तय होने पर उसके पास जाने की स्वतंत्रता देने वाली उसकी अपील का निपटारा कर दिया था। उसी के अनुसरण में वर्तमान अपील दायर की गई है। सात दिन की जमानत लेने के लिए आमंत्रण पत्र की कॉपी सबूत के तौर पर पेश की गई है।
प्रतिवादी एपीपी ने इस आधार पर अपील का विरोध किया कि शिकायत में अपीलकर्ता के खिलाफ गंभीर आरोप लगाए गए हैं। जबकि राज्य ने निमंत्रण कार्ड की वास्तविकता का सत्यापन किया। राज्य ने विरोध किया कि अपीलकर्ता को अपीलकर्ता की कीमत पर पुलिस एस्कॉर्ट के साथ अस्थायी जमानत पर रिहा किया जाना चाहिए।
तदनुसार, अदालत ने उपरोक्त शर्तों में अस्थायी जमानत दी। रफीक को अस्थाई जमानत पूरी होने पर जेल प्राधिकरण के समक्ष आत्मसमर्पण करने का निर्देश दिया गया।
केस टाइटल: रफीक एडम सुमरा बनाम गुजरात राज्य
केस नंबर: आर/सीआर.ए/1166/2022
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