सरकारी कर्मचारी राष्ट्रीय हड़ताल में शामिल नहीं हो सकते : केरल हाईकोर्ट

Update: 2022-03-28 21:00 GMT

केरल हाईकोर्ट

केरल हाईकोर्ट ने सोमवार को सरकारी कर्मचारियों को केंद्र सरकार की नीतियों के खिलाफ चल रही दो दिवसीय राष्ट्रव्यापी हड़ताल में भाग लेने से रोक दिया। साथ ही राज्य सरकार को विरोध को कानूनी प्रक्रिया के रूप में न मानने का निर्देश दिया।

चीफ जस्टिस एस मणिकुमार और जस्टिस शाजी पी शैली की एक खंडपीठ ने आदेश पारित करते हुए कहा कि सरकारी कर्मचारियों की चल रही हड़ताल अवैध है और राज्य को निर्देश दिया कि वह इसे प्रतिबंधित करने के निर्देश जारी करे। कोई भी सरकारी कर्मचारी हड़ताल में भाग नहीं लेगा।

यह घटनाक्रम अधिवक्ता वी. साजिथ कुमार के माध्यम से दायर एक याचिका में हुआ। इसमें सरकार को 28 और 29 मार्च की आम हड़ताल के दिनों में सरकारी कर्मचारियों की अनिवार्य उपस्थिति सुनिश्चित करने और उन कर्मचारियों के खिलाफ सेवा नियमों के अनुसार अनुशासनात्मक कार्यवाही शुरू करने का निर्देश देने की मांग की गई, जो इससे दूर रहते हैं।

केरल सेवा नियमों के भाग I के नियम 14 (ए) के अनुसार, हड़ताल में भाग लेने के कारण किसी अधिकारी की अनधिकृत अनुपस्थिति की अवधि को मृत-गैर माना जाएगा। ऐसा अधिकारी उस अवधि के लिए वेतन और भत्ते के लिए पात्र नहीं होगा और अर्जित अवकाश की स्वीकार्यता के लिए भी गिना नहीं जाएगा।

याचिकाकर्ता ने जारी हड़ताल को असंवैधानिक घोषित करने की भी मांग की। उन्होंने बताया कि एक डिवीजन बेंच ने पहले हड़ताल के दिनों में छुट्टी और वेतन के साथ अनुपस्थिति को नियमित करने के आदेश को रद्द कर दिया। इसके परिणामस्वरूप राज्य को उपस्थिति रजिस्टर का सत्यापन करने और कानून के अनुसार इस संबंध में कार्रवाई करने का निर्देश दिया।

केस शीर्षक: चंद्र चूदान नायर एस. बनाम केरल राज्य

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