सोने की तस्करी का मामला: केरल हाईकोर्ट ने विदेशी मुद्रा संरक्षण और तस्करी रोकथाम अधिनियम के तहत आरोपी राबिन हमीद की हिरासत बरकरार रखी
केरल हाईकोर्ट ने मंगलवार को सोने की तस्करी मामले में विदेशी मुद्रा संरक्षण और तस्करी रोकथाम अधिनियम (COFEPOSA) के तहत मुख्य आरोपी राबिन्स के हमीद की निवारक हिरासत को बरकरार रखा।
न्यायमूर्ति ए.के. जयशंकरन नांबियार और न्यायमूर्ति मोहम्मद नियास सी.पी. हिरासत के आदेश को रद्द करने की मांग करने वाली आरोपी की पत्नी द्वारा दायर याचिका को स्वीकार करने से इनकार कर दिया।
यह मामला तिरुवनंतपुरम में यूएई वाणिज्य दूतावास को भेजे गए राजनयिक कार्गो के माध्यम से 30 किलोग्राम सोने की तस्करी से संबंधित है।
मामले की जांच से पता चला कि हमीद ने इस मामले में अन्य आरोपियों के साथ संयुक्त अरब अमीरात और भारत में रहते हुए साजिश रची थी। यह भी खुलासा किया गया कि उसने फंड की व्यवस्था की और राजनयिक चैनलों के माध्यम से भारत में तस्करी के लिए सोना खरीदा था।
एर्नाकुलम में एनआईए की विशेष अदालत ने पहले हमीद के खिलाफ गिरफ्तारी का गैर-जमानती वारंट जारी किया था, जिसके बारे में यह भी पता चला है कि उसने यूएई में इलेक्ट्रॉनिक्स या बिजली के उपकरणों और घरेलू सामानों में सोने को छुपाने की व्यवस्था की थी ताकि राजनयिक सामान के माध्यम से तिरुवनंतपुरम में तस्करी की जा सके।
एनआईए जांच दल ने बताया कि वह पूरे मामले में एक प्रभावशाली व्यक्ति था और उसने सोना खरीदने के लिए भी पैसा लगाया था। वह भी इस मामले में मुख्य भगोड़ा था।
केस का शीर्षक: फूसिया रैबिन्स बनाम भारत संघ