सभी कॉलेजों में यौन उत्पीड़न की शिकायतों के लिए आईसीसी का गठन करें : केरल हाईकोर्ट

Update: 2022-12-23 05:51 GMT

Kerala High Court

केरल हाईकोर्ट ने गुरुवार को कॉलेजों और अन्य वैधानिक अधिकारियों के सक्षम अधिकारियों को यूजीसी (रोकथाम, निषेध और उच्च शिक्षा संस्थानों में महिला कर्मचारियों और छात्रों के यौन उत्पीड़न का निवारण) विनियमों के तहत राज्य में प्रत्येक कॉलेज में आंतरिक शिकायत समिति का गठन करने का निर्देश दिया।

जस्टिस देवन रामचंद्रन ने उच्च शिक्षा विभाग द्वारा रात्रि 9.30 बजे के बाद छात्राओं के हॉस्टल से बाहर जाने पर रोक लगाने वाली अधिसूचना को चुनौती देने वाली याचिकाओं का निस्तारण करते हुए उक्त आदेश पारित किया।

इसने निर्देश दिया कि निर्णय की प्रति प्राप्त होने की तारीख से 2 महीने के भीतर ऐसा किया जाएगा।

कोर्ट ने यह भी कहा,

"...मैं कॉलेजों के सक्षम अधिकारियों और ऐसे अन्य वैधानिक प्राधिकरणों को यह सुनिश्चित करने का निर्देश देता हूं कि यूजीसी के यौन उत्पीड़न के खिलाफ नियमों के अनुसार आंतरिक समिति का गठन हर कॉलेज में किया जाए और इस आशय की अधिसूचना निर्णय की प्रति प्राप्त होने की तिथि से 2 महीने के भीतर गठित और प्रकाशित की जाए। जहां तक उच्च शिक्षण संस्थानों में समानता के प्रचार के कार्यान्वयन पर यूजीसी विनियमों का संबंध है, उसमें दिए गए दिशानिर्देशों को भी सभी कॉलेजों में पूरी तरह से लागू किया जाएगा और पर्यवेक्षण अधिकारियों द्वारा उन्हें बिना किसी चूक के सुनिश्चित किया जाएगा।"

मौजूदा मामले में कोर्ट ने 20 दिसंबर, 2022 को उसके द्वारा जारी अंतिम अंतरिम आदेश की पुष्टि की- सरकार के आदेश के अनुसार, लड़कियों और लड़कों दोनों के लिए गेट बंद करने का समय अब रात 9.30 बजे है।

कोर्ट ने सीनियर सरकारी वकील टी.बी. द्वारा दिए गए सुझावों पर भी ध्यान दिया। हुड्डा कि यदि किसी छात्र को उक्त समय के बाद हॉस्टल छोड़ने की आवश्यकता होती है तो वह वार्डन या प्रभारी संकाय से अनुमति प्राप्त करने के बाद ऐसा कर सकता है। हालांकि, अदालत ने यह स्पष्ट कर दिया कि कारण मान्य होने पर अनुरोध को अस्वीकार नहीं किया जाएगा।

मौजूदा मामले में याचिकाकर्ताओं का प्रतिनिधित्व एडवोकेट वी. हरीश और राजन विष्णुराज कर रहे हैं। उत्तरदाताओं की ओर से सरकारी वकील पार्वती कोट्टोल, केरल स्वास्थ्य विज्ञान यूनिवर्सिटी के सरकारी वकील पी. श्रीकुमार और केरल महिला आयोग की सरकारी वकील पार्वती मेनन पेश हुईं।

केस टाइटल: फियोना जोसेफ बनाम केरल राज्य

साइटेशन: लाइवलॉ (केरल) 662/2022 

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