आचार्य धीरेंद्र शास्त्री के खिलाफ आपत्तिजनक पोस्ट करने पर मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने लिया एक्शन, दिया यह निर्देश

Update: 2023-12-07 04:52 GMT

मध्य प्रदेश हाईकोर्ट शिष्य द्वारा दायर याचिका पर कार्रवाई करते हुए हिंदू धार्मिक उपदेशक आचार्य धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के बारे में प्रकाशित कलंकित सामग्री को हटाने के लिए एक्स (पहले ट्विटर के नाम से जाना जाता था), फेसबुक और यूट्यूब जैसे सोशल मीडिया प्लेटफार्मों को कड़े निर्देश दिए।

जस्टिस संजय द्विवेदी की एकल-न्यायाधीश पीठ ने यह भी कहा कि आचार्य से संबंधित किसी भी पोस्ट को 'पत्रकारिता आचरण के मानदंडों का पालन करना चाहिए'। अंतरिम उपाय के रूप में ऐसी किसी भी खबर/पोस्ट की सत्यता को स्थानीय मीडिया चैनलों और सोशल मीडिया प्लेटफार्मों द्वारा सत्यापित किया जाना चाहिए।

अदालत ने कहा कि फिर, सूचना प्रौद्योगिकी (मध्यवर्ती दिशानिर्देश और डिजिटल मीडिया आचार संहिता) नियम, 2021 को ध्यान में रखते हुए यह निर्धारित किया जाना चाहिए कि क्या पोस्ट/समाचार आचार्य की छवि के लिए अपमानजनक हैं।

इंदौर में बैठी पीठ ने आदेश में निष्कर्ष निकाला,

"...यह भी निर्देशित किया जाता है कि इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में पहले से प्रदर्शित पोस्ट, जो आचार्य श्री धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री की छवि खराब करती हैं, उसको तुरंत हटा दिया जाएगा।"

अदालत ने मामले को 08.01.2024 से शुरू होने वाले सप्ताह में नोटिस वापस करने के लिए पोस्ट किया।

हाईकोर्ट के समक्ष याचिकाकर्ता रणजीत सिंह पटेल ने आरोप लगाया कि वर्तमान में आचार्य के बारे में प्रसारित पोस्ट न केवल अपमानजनक हैं बल्कि श्री बागेश्वर धाम, छतरपुर के पीठाधीश्वर की छवि को भी खराब करने के समान हैं। याचिकाकर्ता के वकील ने ऑनलाइन और प्रिंट मीडिया में अपने आचार्य के बारे में कुछ पोस्ट और समाचार लेख भी प्रस्तुत किए, जो कथित रूप से अपमानजनक है।

याचिकाकर्ता का मामला है कि 10वें प्रतिवादी पूर्व विधायक आर.डी. प्रजापति आचार्य की प्रतिभा से नाखुश हैं। याचिकाकर्ता के अनुसार, खुद को ओबीसी अधिकार कार्यकर्ता होने का दावा करने वाले 10वां प्रतिवादी अन्य उत्तरदाताओं के साथ मिलकर इस तरह के आपत्तिजनक पोस्ट करके जानबूझकर लोगों की नजरों में उनके नेता की छवि खराब कर रहा है। इस तरह के पोस्ट धार्मिक श्रद्धा पर सीधा हमला हैं और आचार्य के शिष्यों की भावनाओं को गंभीर रूप से आहत करने वाले हैं। यह एकल न्यायाधीश पीठ के समक्ष प्रस्तुत किया गया।

वकील पंकज दुबे ने आईटी (मध्यवर्ती दिशानिर्देश और डिजिटल मीडिया आचार संहिता) नियम, 2021 के नियम 2 का उल्लेख किया, जो 'सोशल मीडिया मीडिएटर' और 'पब्लिशर' की परिभाषाओं के बारे में बात करता है। इसी तरह, नियम 3 में किसी व्यक्ति से संबंधित किसी भी समाचार को प्रकाशित करने से पहले किए जाने वाले अभ्यास के बारे में उल्लेख किया गया। याचिकाकर्ता ने कहा कि इलेक्ट्रॉनिक मीडिया प्लेटफार्मों को ऐसे प्लेटफार्मों के माध्यम से प्रकाशित करने से पहले ऐसी खबरों की सत्यता की जांच करनी चाहिए।

याचिकाकर्ता ने कहा कि हालांकि याचिकाकर्ता ने संबंधित अधिकारियों को कई अभ्यावेदन दिए, लेकिन कोई भी कार्रवाई नहीं की गई, जिसके कारण वर्तमान याचिका दायर करना जरूरी हो गया।

केस टाइटल: रणजीत सिंह पटेल बनाम मध्य प्रदेश राज्य और अन्य।

केस नंबर: WP नंबर 29667/2023

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