'न्याय से इनकार': पंजाब एंड हरियाणा एचसीबीए ने रजिस्ट्रार जनरल को जमानत/हैबियस कार्पस के स्वतः स्थगन के खिलाफ पत्र लिखा
पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट बार एसोसिएशन ने हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल से जमानत याचिकाओं, हैबियस कार्पस याचिकाओं और नागरिकों की व्यक्तिगत स्वतंत्रता से संबंधित इसी तरह के अन्य मामलों के स्वतः स्थगन पर रोक लगाने का आग्रह किया है।
एसोसिएशन का दावा है कि पिछले कई महीनों से चल रही कोरोना महामारी के कारण कार्यालय आदेश द्वारा मामलों को स्वचालित रूप से स्थगित किया जा रहा है।
यह माना जा रहा है कि महामारी काफी हद तक कम हो गई है, इसलिए जमानत, बंदी प्रत्यक्षीकरण, सजा के निलंबन और भारत के संविधान के आर्टिकल 21 से संबंधित अन्य मामलों को सुनवाई के लिए जुलाई के महीने में ही सूचीबद्ध किया जा सकता है।
ऐसे मामलों की सुनवाई जुलाई के महीने में ही करवाने की मांग करते हुए रजिस्ट्रार को संबोधित एक पत्र में कहा गया है, "जेल में बंद न्याय चाहने वाले विचाराधीन कैदी या अपने जीवन और स्वतंत्रता के लिए खतरे का सामना करने वाले मामलों की सुनवाई न होने के कारण परेशानी झेल रहे हैं, जो न्याय से इनकार के समान है।''
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