दिल्ली दंगे: जस्टिस सिद्धार्थ मृदुल को मणिपुर एचसी के सीजे के रूप में पदोन्नत करने के बाद दिल्ली हाईकोर्ट शरजील इमाम, अन्य की जमानत याचिकाओं पर नए सिरे से सुनवाई करेगा
मणिपुर हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के रूप में जस्टिस सिद्धार्थ मृदुल की पदोन्नति के बाद दिल्ली दंगों की बड़ी साजिश के मामले में शरजील इमाम, खालिद सैफी और अन्य आरोपी व्यक्तियों की जमानत याचिका पर दिल्ली हाईएकोर्ट नए सिरे से सुनवाई करेगा।
जस्टिस सुरेश कुमार कैत और जस्टिस शैलेंदर कौर की खंडपीठ अब जनवरी 2024 से अपीलों पर सुनवाई शुरू करेगी।
अदालत को आज सूचित किया गया कि जस्टिस मृदुल की अध्यक्षता वाली विशेष पीठ ने कम से कम तीन जमानत याचिकाओं पर फैसला सुरक्षित रख लिया है। हालांकि, न्यायाधीश की पदोन्नति को देखते हुए अपीलों पर फिर से बहस करनी होगी।
आरोपी शरजील इमाम, खालिद सैफी, गुलफिशा फातिमा, मीरान हैदर, शादाब अहमद, अतहर खान, शिफा उर रहमान और सलीम खान ने जमानत याचिका दायर की है। आरोपी इशरत जहां को दी गई जमानत रद्द करने की दिल्ली पुलिस की अपील पर भी पीठ सुनवाई करेगी।
जस्टिस मृदुल और जस्टिस रजनीश भटनागर की विशेष पीठ ने पिछले साल अक्टूबर में मामले में आरोपी उमर खालिद को जमानत देने से इनकार कर दिया था।
2020 की एफआईआर 59 की जांच दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल द्वारा की जा रही है। मामला भारतीय दंड संहिता, 1860 और गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम, 1967 के तहत विभिन्न अपराधों के तहत दर्ज किया गया है।
ताहिर हुसैन, उमर खालिद, खालिद सैफी, इशरत जहां, मीरान हैदर, गुलफिशा फातिमा, शिफा-उर-रहमान, आसिफ इकबाल तन्हा, शादाब अहमद, तस्लीम अहमद, सलीम मलिक, मोहम्मद। सलीम खान, अतहर खान, सफूरा जरगर, शरजील इमाम, फैजान खान और नताशा नरवाल मामले में आरोपी है।