दिल्ली हाईकोर्ट ने कथित दस्तावेज लीक मामले में सब इंस्पेक्टर अभिषेक तिवारी की जमानत याचिका पर सीबीआई से जवाब मांगा
दिल्ली हाईकोर्ट ने गुरुवार को महाराष्ट्र के पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख के खिलाफ चल रही जांच में संवेदनशील दस्तावेज लीक करने के आरोपों के संबंध में सब इंस्पेक्टर अभिषेक तिवारी द्वारा दायर जमानत याचिका पर सीबीआई से जवाब मांगा, जिससे जांच प्रभावित हुई।
जस्टिस योगेश खन्ना ने अधिवक्ता मीनेश दुबे और अबधेश चौधरी के माध्यम से तिवारी द्वारा दायर जमानत याचिका पर नोटिस जारी किया।
याचिका में कहा गया है कि उनके खिलाफ प्राथमिकी अनुमानों के आधार पर दर्ज की गई है और वह इस मामले में "कुछ वरिष्ठों द्वारा रची गई साजिश के कारण फंसाए गए हैं, जो हमेशा सीबीआई के जांचकर्ता के रूप में उनकी ईमानदारी पर नजर रखते थे।"
मामले में डागा, तिवारी और अज्ञात अन्य के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई थी, जिसमें आरोप लगाया गया था कि उन्होंने अनुचित लाभ और अवैध संतुष्टि के एवज में आनंद डागा को मामले के संवेदनशील और गोपनीय दस्तावेजों का खुलासा करने के उद्देश्य से एक आपराधिक साजिश की थी।
उक्त प्राथमिकी आईपीसी की धारा 120B और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 7 और 8 के तहत दर्ज की गई थी।
याचिका में कहा गया है, "मूल रूप से, वर्तमान मामला वरिष्ठ अधिकारियों के बीच एक प्रतिद्वंद्विता है, जिसमें याचिकाकर्ता को स्पष्ट कारणों से बलि का बकरा बनाया गया है।"
विशेष सीबीआई न्यायाधीश विमल कुमार यादव ने पिछले सप्ताह तिवारी की जमानत अर्जी खारिज कर दी थी, जिसके बाद यह घटनाक्रम सामने आया है ।
अदालत ने पांच दिन की और पुलिस रिमांड की मांग वाली सीबीआई की अर्जी खारिज करते हुए डागा और उपनिरीक्षक अभिषेक तिवारी को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया था।
अदालत ने आगे दोनों को उनकी न्यायिक हिरासत की अवधि समाप्त होने पर 20 सितंबर को पेश करने का निर्देश दिया।
अदालत ने इससे पहले उनकी सीबीआई हिरासत दो दिन के लिए बढ़ा दी थी क्योंकि एजेंसी ने उनके लिए 7 दिन की अतिरिक्त हिरासत मांगी थी।
सीबीआई ने डागा और तिवारी को क्रमश: मुंबई और दिल्ली से गिरफ्तार किया था। मुंबई में एक मजिस्ट्रेट की अदालत में पेश किए जाने के बाद, डागा के लिए ट्रांजिट रिमांड दिया गया, जिससे उसे दिल्ली की एक अदालत में पेश करने का निर्देश दिया गया।
जिसके बाद डागा और तिवारी दोनों को राउज एवेन्यू कोर्ट के विशेष सीबीआई न्यायाधीश के समक्ष पेश किया गया।
शीर्षक: अभिषेक तिवारी बनाम सीबीआई