दिल्ली हाईकोर्ट ने पब्लिक प्रोसीक्यूटर्स के लिए आईसीयू, वेंटिलेटर के साथ कोविड केयर की स्थापना की मांग वाली याचिका पर नोटिस जारी किया
दिल्ली हाईकोर्ट ने सोमवार को दिल्ली अभियोजन विभाग (Delhi Prosecution Department) के सरकारी वकीलों और कर्मचारियों और उनके परिवार के सदस्यों के लिए आईसीयू बेड और वेंटिलेटर सुविधा के साथ कम से कम 100 बेड वाले कोविड केयर की स्थापना की मांग वाली याचिका पर नोटिस जारी किया।
मुख्य न्यायाधीश डीएन पटेल और न्यायमूर्ति ज्योति सिंह की खंडपीठ ने दिशांक धवन द्वारा दायर याचिका पर नोटिस जारी करते हुए कहा कि अभियोजन विभाग के सरकारी वकील और अन्य कर्मचारी हर रोज COVID-19 वायरस के संपर्क में आने का जोखिम उठा रहे हैं, लेकिन फिर भी आपराधिक न्याय प्रणाली के एक महत्वपूर्ण घटक के रूप में, अत्यंत समर्पण और ईमानदारी के साथ राज्य की सेवा कर रहे हैं।
याचिका कि आवश्यक संसाधनों की कमी के कारण पूरे देश में पीड़ा और डर का माहौल है, जिससे कई लोक अभियोजक दिल्ली के अस्पतालों में बेड हासिल करने में असमर्थ है और इसलिए उन्हें इलाज के लिए दूर-दराज के स्थानों पर जाना पड़ा रहा है।
याचिका में कहा गया,
"उपरोक्त स्थिति को देखते हुए याचिका में कहा गया कि सरकारी अभियोजक और दिल्ली सरकार के अभियोजन विभाग के अन्य कर्मचारी आपराधिक व्यवस्था का एक अनिवार्य हिस्सा हैं और शुरू से ही इस महामारी में अपनी जान जोखिम में डाल रहे हैं।"
वरिष्ठ अधिवक्ता और राज्यसभा सांसद के.टी.एस. तुलसी ने याचिकाकर्ता की ओर से दलील दी। उन्हें एडवोकेट तनेसा पुरी और याचिकाकर्ता एपीपी एडवोकेट द्वारा अधिवक्ता दिशांक धवन और अधिवक्ता शलभ गुप्ता के साथ सहायता प्रदान की गई है।
कोर्ट अब इस मामले की अगली सुनवाई 4 जून, 2021 को करेगा।
याचिका में निम्नलिखित प्रार्थनाएं गई हैं:
- सरकारी अभियोजकों और सरकार के अभियोजन विभाग के अन्य कर्मचारियों और उनके परिवार के सदस्यों सहित तत्काल आधार पर आईसीयू / वेंटिलेटर सुविधा के साथ कम से कम 100 बेड कोविड केयर सेंटर स्थापित करें।
- सुनिश्चित करें कि सरकारी वकील और सरकार के अभियोजन विभाग के अन्य कर्मचारियों और उनके परिवार के सदस्यों के लिए पर्याप्त मेडिकल ऑक्सीजन और ऑक्सीजन कॉन्संट्रेटर्स उपलब्ध हैं।
- सरकारी अभियोजकों और सरकार के अभियोजन विभाग के अन्य कर्मचारियों और उनके परिवार के सदस्यों सहित को कोविड वैक्सीन प्रदान करें। यह सुविधा संबंधित पुलिस स्टेशन द्वारा कड़ी निगरानी के साथ उपलब्ध कराई जाए।
- सरकारी अभियोजकों और सरकार के अभियोजन विभाग के अन्य कर्मचारियों और उनके परिवार के सदस्यों के लिए समर्पित एम्बुलेंस प्रदान करें।
- मौजूदा चिकित्सा प्रणाली पर बोझ कम करने के लिए युवा डॉक्टरों और अन्य संबंधित चिकित्सा कर्मचारियों को अनुबंध के आधार पर नियुक्त करें।
- सरकारी अभियोजकों और सरकार के अभियोजन विभाग के अन्य कर्मचारियों के साथ फ्रंडलाइन वर्कर्स के रूप में व्यवहार करें।