मेडिकल विज्ञापनों को लेकर बाबा रामदेव और आचार्य बालकृष्ण को राहत, आपराधिक कार्यवाही पर लगी रोक

केरल हाईकोर्ट ने गुरुवार को दिव्य फार्मेसी, बाबा रामदेव और आचार्य बालकृष्ण के खिलाफ औषधि एवं जादुई उपचार (आपत्तिजनक विज्ञापन) अधिनियम 1954 के तहत भ्रामक मेडिकल विज्ञापनों के कथित प्रकाशन को लेकर दायर आपराधिक शिकायत में कार्यवाही पर रोक लगा दी।
जस्टिस वीजी अरुण ने पलक्कड़ में मजिस्ट्रेट कोर्ट के समक्ष लंबित आपराधिक मामला रद्द करने के लिए उनके द्वारा दायर याचिका पर नोटिस जारी करते हुए अंतरिम आदेश पारित किया।
दिव्य फार्मेसी पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड की सहयोगी है, जिसकी सह-स्थापना बाबा रामदेव और आचार्य बालकृष्ण ने की है।
आपराधिक कार्यवाही औषधि निरीक्षक द्वारा औषधि एवं जादुई उपचार (आपत्तिजनक विज्ञापन) अधिनियम, 1954 की धारा 3, 3 (बी) और 3 (डी) के तहत दायर की गई शिकायत के आधार पर शुरू की गई। औषधि निरीक्षक ने उनके खिलाफ पलक्कड़ न्यायालय में दो अन्य शिकायतें और कोझीकोड में अन्य शिकायत दर्ज कराई। पलक्कड़ में लंबित शिकायतों में से एक (एसटी 1547/2024) रद्द करने के लिए हाईकोर्ट के समक्ष याचिका दायर की गई।
इससे पहले पलक्कड़ न्यायालय ने रामदेव और बालकृष्ण को गैर-जमानती गिरफ्तारी वारंट जारी किया था, जब उन्होंने पेश होने से इनकार कर दिया था। बाद में इन वारंटों को वापस ले लिया गया।
पिछले साल सुप्रीम कोर्ट ने भ्रामक विज्ञापनों के प्रकाशन के लिए पतंजलि लिमिटेड रामदेव और बालकृष्ण के खिलाफ अवमानना की कार्यवाही शुरू की थी।