दिल्ली उच्च न्यायालय ने फेसबुक द्वारा दायर ट्रेडमार्क सूट में मार्क ' फेसबेक ' का उपयोग करने से एक बेकरी को रोका
दिल्ली उच्च न्यायालय ने फेसबुक द्वारा दायर ट्रेडमार्क उल्लंघन वाद में एक बेकरी को 'फेसबेक' मार्क का उपयोग करने से रोक दिया है।
प्रतिवादी बेकरी को नोटिस जारी करते हुए न्यायमूर्ति राजीव शाकेर की एकल पीठ ने कहा कि अगर अंतरिम राहत नहीं दी जाती है तो फेसबुक के कानूनी अधिकारों और व्यावसायिक हितों पर असर पड़ेगा।
यह आदेश फेसबुक द्वारा फेसबेक नामक बेकरी के खिलाफ दायर एक दीवानी वाद में आया है, जो' फेसबेक ' केक बेच रही है, और साथ में घड़ियों जैसे और कुछ समान भी । कोर्ट को यह भी बताया गया कि बेकरी की एक वेबसाइट भी चल रही है, जिसे www.facebake.in कहा जाता है।
फेसबुक के लिए श्री प्रवीण आनंद ने दलील दी कि प्रतिवादी बेकरी, वादी ‟ प्रसिद्ध ट्रेडमार्क का अपमान कर रही है और अपने उत्पादों के स्रोत के रूप में बड़े पैमाने पर जनता के मन में भ्रम पैदा कर रही है ।
श्री आनंद ने इस अदालत के समक्ष वाद की निरंतरता का भी समर्थन किया।
इन निवेदनों के आलोक में अदालत ने कहा कि वादी ने प्रथम दृष्टया मामला अपने पक्ष में कर दिया है और सुविधा संतुलन भी वादी के पक्ष में प्रतीत होता है ।
इसलिए, प्रतिवादी बेकरी, एजेंटों और कर्मचारियों को "FACEBAKE" या किसी अन्य निशान, जो भ्रामक वादी ट्रेडमार्क समान है, का उपयोग करने से रोका जाता है ।
केस टाइटल: फेसबुक इंक बनाम श्री नूफेल मालोल