COVID-19 : किसी भी कैदी को COWIN पोर्टल पर पंजीकरण के लिए महज पहचान दस्तावेज न होने के कारण टीकाकरण से वंचित न किया जाये : उड़ीसा हाईकोर्ट

Update: 2021-04-28 08:00 GMT

Orissa High Court

उड़ीसा हाईकोर्ट ने राज्य की जेलों में बंद सभी कैदियों को खतरनाक COVID-19 से बचाव के लिए टीकाकरण सुनिश्चित करने के वास्ते मंगलवार को महत्वपूर्ण दिशानिर्देश जारी किये।

मुख्य न्यायाधीश डॉ. एस मुरलीधर और न्यायमूर्ति बी पी राउत्रे की डिविजन बेंच ओडिशा की जेलों से संबंधित विभिन्न मुद्दों को लेकर दायर दो याचिकाओं की सुनवाई कर रही थी।

इनमें से एक रिट याचिका 15 साल पुरानी थी और दूसरी जनहित याचिका सात साल पहले हाईकोर्ट में दायर की गयी थी।

सुनवाई के दौरान मामले के न्याय मित्र वरिष्ठ अधिवक्ता गौतम मिश्रा ने कोर्ट को अवगत कराया कि जेल के अनेक कैदियों के पास COWIN पोर्टल पर पंजीकरण के लिए जरूरी पहचान दस्तावेज नहीं हो सकते हैं।

तदनुसार, डिविजन बेंच ने राज्य सरकार को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि कोई भी कैदी महज इस कारण टीका से वंचित नहीं रह जाये क्योंकि वह COWIN पोर्टल पर पंजीकृत करने में अक्षम रहा है।

कोर्ट ने आदेश दिया,

"ऐसे कैदी टीकाकरण से वंचित न रहें यह सुनिश्चित करने के लिए वैकल्पिक व्यवस्था की जानी चाहिए।"

हाल ही में गौहाटी हाईकोर्ट ने असम की जेलों में कैदियों को कथित तौर पर टीका से वंचित रखने के लिए स्वत: संज्ञान वाली जनहित याचिका पर राज्य सरकार को अपना जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया था।

उड़ीसा हाईकोर्ट की डिविजन बेंच ने अन्य बातों के साथ-साथ ओडिशा सरकार को राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के साथ समन्वय में काम करने तथा सजा से छूट के पात्र कैदियों को समयबद्ध तरीके से सजा माफ करने को कहा है।

इस सिलसिले में एक रिपोर्ट सुनवाई की अगली तारीख 12 मई को कोर्ट में पेश की जानी है।

केस का शीर्षक : कृष्णा प्रसाद साहू बनाम उड़ीसा सरकार एवं अन्य

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