COVID-19:बिहार सरकार की कार्यों से असंतुष्ट पटना हाईकोर्ट ने कहा, "कोर्ट के ज्यादातर निर्देश कागज पर ही रह गए, कठोर कदमों की आवश्यकता"

Update: 2021-05-05 13:13 GMT

बिहार में COVID प्रबंधन से संबंधित एक दलील का निस्तारण करते हुए पटना हाईकोर्ट ने मंगलवार (4 मई) को कहा कि ऐस स्थिति में, अगर कठोर कदम नहीं उठाए गए तो बिहार में COVID से पैदा हुए संकट, जो पहले से ही नियंत्रण से बाहर हो गया है, के बहुत ही ज्यादा खराब होने की आशंका है।

जस्टिस चक्रधारी शरण सिंह और जस्टिस मोहित कुमार शाह की पीठ COVID​​-19 महामारी की दूसरी लहर से पैदा हुई चुनौतियों का सामना करने के लिए राज्य में स्वास्थ्य सुविधाओं की क‌थित कमी से संबंधित मामले पर स्वतः संज्ञान लेकर सुनवाई कर रही थी।

कोर्ट ने सुनवाई की शुरुआत में कहा, "कोर्ट इस स्तर पर COVID संकट से लड़ने में कई मोर्चों पर स्वास्थ्य विभाग, बिहार सरकार द्वारा की गई प्रगति पर पूर्णतया असंतोष प्रकट करती है... इस स्तर पर, हमारी राय में, यदि कुछ कठोर कदम नहीं उठाए गए तो बिहार राज्य में COVID ​​संकट से पैदा हुई स्थिति, जो पहले से ही नियंत्रण से बाहर हो गई है, संभवत: खराब हो सकती है।"

इसके अलावा, कोर्ट ने कहा कि यदि बिहार राज्य में लोगों के जीवन के अधिकार की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए, बड़े जनहित में, वर्तमान स्थिति में आवश्यक आदेश पारित नहीं किए जाते हैं तो कोर्ट अपने कर्तव्य में विफल रहेगी।

हालांकि, महाधिवक्ता ने कहा कि न्यायालय द्वारा कोई आदेश पारित किए जाने से पहले, बिहार राज्य को एक हलफनामा दायर करने का अवसर दिया जा सकता है, जैसा कि, उनके अनुसार, राज्य सरकार ने COVID-19 से पैदा हुई स्‍थ‌िति से सफलतापूर्वक निपटी है।

उन्होंने यह भी कहा कि जो सबसे अच्छा हो सकता था, वह किया गया था और COVID रोगियों के उपचार की सुविधा के लिए स्वास्थ्य सुविधाओं और COVID बेड में पर्याप्त वृद्धि हुई थी।

इस पर कोर्ट ने कहा, "बिहार राज्य की ओर से 06.05.2021 को 10.30 बजे तक एक हलफनामा दायर किया जाना चाहिए, जिसकी एक प्रति शाम 05.05.2021 की शाम तक सूचित की जानी चाहिए। बिहार राज्य काउंटर एफिडेविट दाखिल करते हुए इस मामले में इस कोर्ट द्वारा समय-समय पर दिए गए आदेशों ध्यान में रखने के लिए उत्तरदायी होगा।"

भारत के अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल को भी अदालत की कार्यवाही के आलोक में निर्देश मांगने के लिए निर्देशित किया गया, ताकि न्यायालय 06 मई 2021 को उचित आदेश पारित कर सके।

इसके अलावा, न्यायालय ने नया निर्देश पारित नहीं किया, इस तथ्य के बावजूद की, इस संबंध में बार-बार जारी किए गए निर्देशों के बावजूद, न्यायालय की राय में, उनमें से ज्यादातरकागजों पर ही हैं और राज्य सरकार की प्रतिक्रिया की प्रतीक्षा में, अनुपालन नहीं किया गया है।

आज की कार्यवाही के बीच में, न्यायालय ने इस तथ्य पर भी ध्यान दिया कि बिहार में 15 मई 2021 तक लॉकडाउन किया गया है।

पिछली सुनवाई (3 मई) के दौरान, पटना हाईकोर्ट ने कहा था कि कार्य योजना के अभाव में, बिहार में स्वास्थ्य सेवा प्रणाली COVID-19 के समक्ष लक्ष्यहीन हो गई लगती है।

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