राज्य सरकार के ऑक्सीजन के अनुरोध पर विचार करें: केरल हाईकोर्ट ने केंद्र से कहा

Update: 2021-05-11 07:47 GMT

केरल हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति देवन रामचंद्रन और डॉ. कौसर एदप्पगाथ की खंडपीठ ने निजी अस्पतालों द्वारा COVID-19 रोगियों से वसूले जाने वाले शुल्क पर विचार-विमर्श के लिए बुलाई गई एक विशेष बैठक के दौरान कहा कि केरल में ऑक्सीजन और आईसीयू बेड की कमी होती जा रही है।

ऑक्सीजन

राज्य के अटॉर्नी जनरल केवी सोहन ने हाईकोर्ट से राज्य सरकार के ऑक्सीजन के लिए अनुरोध पर विचार करने के लिए केंद्र को दिशा-निर्देश दिए जाने की मांग की।

राज्य के एजी ने कोर्ट को अवगत कराया कि केरल सरकार की ऑक्सीजन की आपूर्ति केंद्र सरकार के निर्देश पर अन्य राज्यों को उधार देने के बाद कम होती जा रही है। उन्होंने कहा कि केरल ने बफर स्टॉक के रूप में 400 मीट्रिक टन ऑक्सीजन का अनुरोध किया है, जबकि केंद्र कर्नाटक को 1200 मीट्रिक टन ऑक्सीजन दे रहा है।

न्यायमूर्ति रामचंद्रन ने कहा कि (कर्नाटक को वितरण) माननीय सुप्रीम कोर्ट द्वारा अनुमोदित किया गया है।

स्टेट अटॉर्नी केवी सोहन ने कोर्ट में कहा,

"हमारे पास 4.25 लाख का सक्रिय मामले हैं।"

न्यायमूर्ति रामचंद्रन ने पूछा,

"4. (कितने)?"

राज्य अटॉर्नी ने जवाब दिया,

"4.25 लाख।"

"ओह माई..." (जस्टिस देवन रामचंद्रन ने कहा)

सहायक सॉलिसिटर जनरल एडवोकेट के. राजकुमार ने अदालत को बताया कि ऑक्सीजन की मांग को एक विशेषज्ञ निकाय द्वारा सक्रिय रूप से मॉनिटर किया जा रहा है।

न्यायमूर्ति रामचंद्रन,

"सही, लेकिन कृपया सरकार के अनुरोध और उपलब्धता पर विचार करें।"

इसकी पुष्टि करते हुए सहायक सॉलिसिटर जनरल के कार्यालय के अधिवक्ता के राजकुमार ने अदालत को आश्वासन दिया कि केंद्र राज्य सरकार के अनुरोध पर विचार करेगा।

अदालत ने राज्य अटॉर्नी को आश्वस्त किया,

"मि. सोहन हम इस बात का ध्यान रखेंगे।"

एजी ने कहा,

"हमारे पास आईसीयू बेड कम होते जा रहे हैं।"

ऑक्सीजन पर चर्चा से ठीक पहले अधिवक्ता अजित जॉय ने कहा कि अगर राज्य आईसीयू बेड की कमी से जूझ रहा है तो मॉडस ऑपरेंडी पर स्पष्टीकरण मांगा जाएगा। उन्होंने कहा कि वर्तमान में राज्य में 2,528 आईसीयू बेड भर चुके है। वहीं राज्य में कुल 2,857 आईसीयू बेड हैं। उन्होंने कहा कि केवल 300 आईसीयू बेड शेष हैं।

केरल सरकार द्वारा 9 मई को जारी एक रोगी देखभाल आदेश को पढ़ते हुए एडवोकेट जॉय ने एक खंड पर ध्यान आकर्षित किया, जिसमें लिखा था - "निजी अस्पतालों को ऑक्सीजन, आईसीयू बिस्तरों को न्यूनतम 50% तक बढ़ाने के लिए कहा है।"

उन्होंने स्पष्टीकरण मांगा कि क्या यह निर्देश अनिवार्य है।

न्यायमूर्ति रामचंद्रन ने जवाब दिया,

"जाहिर है, क्योंकि उन्हें पैसे की आवश्यकता होती है... केवल उन्हें मना सकते हैं।"

अपने फैसले में कोर्ट ने निजी अस्पतालों को COVID-19 आईसीयू और ऑक्सीजन बेड बढ़ाने के लिए कहा।

इसके अतिरिक्त, न्यायालय ने राज्य सरकार से सभागार, हॉल, हॉस्टल, अप्रयुक्त अस्पताल और ऐसे अन्य उपयुक्त क्षेत्रों को संभालने का आग्रह किया ताकि निजी अस्पतालों के तैयार होने से पहले नागरिकों का बोझ कम हो।

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