राज्य सरकार को दुर्गा पूजा उत्सव से जुड़े श्रमिकों को वित्तीय सहायता देने का निर्देश नहीं दे सकते: उड़ीसा हाईकोर्ट
उड़ीसा हाईकोर्ट ने शुक्रवार को कहा कि राज्य सरकार को यह निर्देश नहीं दिया जा सकता है कि वह दुर्गा पूजा समारोह से जुड़े श्रमिकों को अलग से वित्तीय सहायता प्रदान करे, जिनकी आजीविका पर COVID-19 के कारण प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है।
चीफ जस्टिस डॉ एस मुरलीधर और जस्टिस बीपी राउत्रे की पीठ उन याचिकाकर्ताओं के एक समूह की सुनवाई कर रही थी, जो कटक शहर और उसके आसपास विभिन्न पूजा समितियों के पदाधिकारी हैं। उन्होंने कोर्ट के समक्ष व्यापक रूप से दो प्रार्थनाएं की थीं।
पहली प्रार्थना के तहत राज्य सरकार की मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) में छूट की मांग की गई थी, जिसके तहत दुर्गा पूजा दौरान विभिन्न प्रतिबंधों के दिशा-निर्देश और निर्देश जारी किए गए थे।
दूसरी प्रार्थना उन श्रमिकों की आजीविका के संबंध में थी, त्योहार के दौरान जिन पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है। इसलिए, राज्य सरकार को एक योजना बनाने या ऐसे श्रमिकों को वित्तीय सहायता देने के लिए एक निर्देश की मांग की गई थी।
पहली प्रार्थना के बारे में कोर्ट ने कहा कि उसने पहले ही 17 सितंबर, 2021 के अपने आदेश में राज्य सरकार के उपरोक्त एसओपी को मंजूरी दे दी है। इसलिए अदालत ने इस मुद्दे पर फिर से विचार नहीं करने का फैसला किया है।
दूसरी प्रार्थना के संबंध में न्यायालय ने कहा, "...चूंकि एसओपी द्वारा लगाए गए प्रतिबंध COVID-19 महामारी की पृष्ठभूमि में हैं और चूंकि महामारी ने विभिन्न व्यवसायों बड़ी संख्या में श्रमिकों को प्रभावित किया है, इसलिए न्यायालय के लिए राज्य सरकार को अलग से निर्देश देना संभव नहीं है।"
हालांकि, कोर्ट ने याचिकाकर्ताओं को दूसरी प्रार्थना के संबंध में अपनी शिकायत को व्यक्त करने के लिए अन्य रास्ते तलाशने का विकल्प खुला छोड़ दिया और रिट याचिका का निपटारा कर दिया।
केस शीर्षक - अमूल्य बेहरा और अन्य बनाम ओडिशा राज्य और अन्य
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