किसी भी तरह की वसूली कार्यवाही शुरू करने से पहले वैधानिक अपील दायर करने का अधिकार अनिवार्य है: कलकत्ता हाईकोर्ट
कलकत्ता हाईकोर्ट की जस्टिस मोहम्मद निजामुद्दीन की पीठ ने माना कि किसी भी तरह की वसूली कार्यवाही शुरू करने से पहले वैधानिक अपील दायर करने का अधिकार अनिवार्य है।
याचिकाकर्ता/निर्धारिती ने इलेक्ट्रॉनिक क्रेडिट लेजर से डेबिट करके अधिनिर्णय आदेश से उत्पन्न मांग की वसूली की कार्रवाई को चुनौती दी है। याचिका में कहा गया कि याचिकाकर्ता को वैधानिक अपील दायर करने का कोई अवसर दिए बिना वसूली कार्यवाही शुरू करना वेस्ट बंगाल जीएसटी एक्ट, 2017 की धारा 78 का उल्लंघन है, जो किसी भी वसूली कार्यवाही शुरू करने से पहले अनिवार्य है।
याचिकाकर्ता ने प्रस्तुत किया कि आदेश 14 दिसंबर, 2021 को पारित किया गया, और केवल 16 दिनों के भीतर प्रतिवादी विभाग ने विचाराधीन मांग को वसूल कर लिया, जो आयकर अधिनियम की धारा 78 के प्रावधान का स्पष्ट उल्लंघन है।
अदालत ने विभाग को निर्देश दिया कि वह मांग से अधिक राशि जमा की गई राशि को वापस कर दे, जिसे निर्णय के आदेश के खिलाफ अपील दायर करने की तारीख से 15 दिनों के भीतर पूर्व जमा के रूप में जमा करना आवश्यक था।
अदालत ने एक शर्त रखी कि याचिकाकर्ता फैसले के आदेश के खिलाफ तारीख से 15 दिनों के भीतर अपील दायर करेगा। यदि याचिकाकर्ता द्वारा निर्धारित समय के भीतर अपील दायर की जाती है तो अपीलीय प्राधिकारी उदार दृष्टिकोण रखते हुए सीमा के मुद्दे पर विचार करेगा।
अदालत ने कहा,
"यदि याचिकाकर्ता निर्धारित समय के भीतर अपील दायर करने में विफल रहता है तो संबंधित प्रतिवादी अधिकारी भविष्य में फिर से विचाराधीन मांग को पूरा करने के लिए कार्रवाई करने के लिए स्वतंत्र होंगे। याचिकाकर्ता को समय से ऑफ़लाइन अपील दायर करने के लिए स्वतंत्रता दी गई है। ऑनलाइन अपील दायर करने की समय सीमा पहले ही समाप्त हो चुकी है।"
केस टाइटल: पुरुलिया मेटल कास्टिंग प्रा. लिमिटेड बनाम सहायक आयुक्त राज्य कर, पुरुलिया प्रभार और अन्य।
साइटेशन: डब्ल्यू.पी.ए. 2022 का 14286
दिनांक: 14.07.2022
याचिकाकर्ता के वकील: एडवोकेट सुमित घोष, सौरदीप मजूमदार
प्रतिवादी के लिए वकील: एडवोकेट ए रे, एस मुखर्जी, डी घोष, वी कोठारी
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